नई दिल्ली, (एजेंसी)। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अक्टूबर, 2021 से शुरू होने वाले अगले मार्केटिंग सेशन के लिए गन्ने का फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस (एफआरपी) मूल्य पांच रुपये बढ़ाकर 290 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में 2021-22 के विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य बढ़ाने का फैसला किया गया। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह जानकारी दी।
चालू मार्केटिंग सेशन 2020-21 के लिए उचित और लाभकारी मूल्य 285 रुपये प्रति क्विंटल है। हर साल गन्ना पेराई सत्र शुरू होने से पहले केंद्र सरकार एफआरपी की घोषणा करती है। मिलों को यह न्यूनतम मूल्य गन्ना उत्पादकों को देना होता है। हालांकि, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे कई राज्य अपनी गन्ना दरों (राज्य परामर्श मूल्य या एसएपी) की घोषणा करते हैं। यह एफआरपी के ऊपर होता है। एफआरपी वह दाम होता है जिस पर चीनी मिलों को किसानों से गन्ना खरीदना होता है। कमीशन ऑफ एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइसेज हर साल एफआरपी की सिफारिश करता है जिसपर अंतिम फैसला सरकार को लेना होता है।


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