राष्ट्रनायक न्यूज।
विजुअल मर्चेंडाइजिंग शब्द भले ही कुछ लोगों के लिए नया हो, लेकिन सेल्स और एडवरटाइजिंग के क्षेत्र से जुड़े लोग इससे भली-भांति वाकिफ हैं। विजुअल मर्चेंडाइजिंग वास्तव में एक आर्ट है, जिसमें एक व्यक्ति किसी प्रॉडक्ट या सर्विस को क्लाइंट्स के सामने कुछ इस तरह पेश करता है ताकि वह सेल्स को बढ़ावा दे सके। अब इस कॉन्सेप्ट को रिटेल सेक्टर में एक मार्केटिंग टूल के रूप में उपयोग किया जा रहा है। इस क्षेत्र में वह सभी गतिविधियां शामिल हैं, जो रिटेल स्टोर्स में उत्पादों की बिक्री बढ़ाने में मदद करती हैं। उदाहरण के तौर पर, प्रॉडक्ट के संभावित ग्राहकों के माइंड को समझना और उपभोक्ताओं को उत्पाद के बारे में शिक्षित करना व प्रॉडक्ट को बेहद इफेक्ट व क्रिएटिव तरीके से पेश करना आदि। तो चलिए विस्तार से जानते हैं इस करियर के बारे में-
क्या है विजुअल मर्चेंडाइजिंग: एजुकेशन एक्सपर्ट बताते हैं कि विजुअल मर्चेंडाइजिंग के क्षेत्र से जुड़े लोगों को विजुअल मर्चेंडाइजर कहा जाता है। विजुअल मर्चेंडाइजर ऐसे पेशेवर हैं जो किसी भी ब्रांड, एक चेहरे को देने के लिए जिम्मेदार हैं। वे आॅनलाइन शॉपर्स और रिटेल स्टोर दोनों के लिए विंडो और स्टोर डिस्प्ले में अवधारणा, डिजाइन और कार्यान्वयन करते हैं। वे स्टोर थीम की योजना बनाते हैं, डिस्प्ले के लिए प्रॉपर की व्यवस्था करते हैं, डिस्प्ले फिक्स्चर और लाइटिंग की व्यवस्था करते हैं, ओपनिंग से पहले स्टोर सेट करते हैं, फ़्लोर प्लान के साथ काम करते हैं और डिस्प्ले को बनाने के लिए सेल्स फ़्लोर पर स्टोर कर्मियों को प्रशिक्षित करते हैं। एक विजुअल मर्चेंडाइजर का मुख्य उद्देश्य स्टोर की छवि के अनुरूप डिस्प्ले बनाना और अधिक ग्राहकों को स्टोर में लाना है।
शैक्षणिक योग्यता: आजकल ऐसे कई इंस्टीट्यूट हैं जो विजुअल मर्चेंडाइजिंग से संबंधित सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्स करवाते हैं। इस कोर्स को करने के लिए छात्र का 12वीं पास होना आवश्यक है। हालांकि अधिकतर जगहों पर विजुअल मर्चेंडाइजिंग को फैशन डिजाइनिंग या फैशन टेक्नोलॉजी कोर्स के तहत पढ़ाया जाता है। कॅरियर एक्सपर्ट के अनुसार, विजुअल मर्चेंडाइजिंग के कोर्स में छात्रों को विजुअल मर्चेंडाइजिंग से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षित किया जाता है जैसे कि रिटेल स्टोर का लेआउट और डिजाइन, इंटीरियर डेकोरेशन, स्टोर के अंदर फर्नीचर और फिक्स्चर की स्थापना, स्टोर डिस्प्ले और उत्पादों की प्रस्तुति, विभिन्न संचार साधनों के उपयोग के जरिए ग्राहकों को आकर्षित करना।
व्यक्तिगत गुण: इस क्षेत्र में कॅरियर देख रहे छात्रों में डिजाइनिंग और क्रिएटिविटी के गुण का होना बेहद आवश्यक है। एक विजुअल मर्चेंडाइजर में बेहतरीन आगेर्नाइजिंग स्किल्स होने के साथ-साथ प्लानिंग, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट व टाइम मैनेजमेंट आदि विशेषताएं भी होनी चाहिए। इसके अलावा उनमें संचार व इंटरपर्सनल स्किल्स, समस्या सुलझाने की क्षमता और कंप्यूटर का ज्ञान होना भी जरूरी है। कॅरियर एक्सपर्ट कहते हैं कि विजुअल मर्चेंडाइजर को उपभोक्ताओं के मनोविज्ञान को जानना आना चाहिए और उसे रूझानों का भी पूर्वानमान लगा लेना चाहिए।
संभावनाएं: शॉपिंग मॉल, फाइव स्टार होटल, बुटीक व रिटेल आउटलेट्स की संख्या बढ़ने के साथ ही विजुअल मर्चेंडाइजर्स की मांग में भी काफी इजाफा हुआ है। विजुअल मर्चेंडाइजर फैशन बुटीक, शॉपिंग मॉल, एम्पोरिया, डिजाइन कंपनी, आर्किटेक्चर फर्म, थीम पार्टी ऑर्गनाइजिंग कंपनी आदि में जॉब कर सकते हैं। वे प्रदर्शनियों, मेलों, ब्यूटी कॉन्टेस्ट, अवार्ड सेरेमनी, मॉल, रिटेल में विंडो डिस्प्ले के लिए अनुबंध के आधार पर फ्रीलांसिंग भी कर सकते हैं।
आमदनी: इस क्षेत्र में एक फ्रेशर भी दस से पंद्रह हजार आसानी से कमा सकता है। वहीं कुछ समय के अनुभव के बाद आप किसी बड़े ब्रांड के रिटेल आउटलिट में काम कर सकते हैं और एक आकर्षक पैकेज पा सकते हैं।
प्रमुख संस्थान
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, बैंगलोर
- द सिंथेटिक एंड आर्ट सिल्क मिल्स रिसर्च एसोसिएशन, मुम्बई
- स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन एंड मैनेजमेंट स्टडीज, कोच्चि
- बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी, ग्रेटर नोएडा
वरूण क्वात्रा
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