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छोटे-छोटे बच्चों को मानसिक गुलाम बनाने की तैयारी में चीन, स्कूल-कॉलेज में पढ़ाए जाएंगे जिनपिंग के राजनीतिक विचार

नई दिल्ली, (एजेंसी)। चीन की सत्ता पर पकड़ बनाए रखने के तहत सत्ताधारी पार्टी सीपीसी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग की राजनीतिक विचारधारा को स्कूल-कॉलेज के पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला किया है। देश के शिक्षा मंत्रालय की ओर से नई योजना का ऐलान करते हुए कहा गया है कि सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए उनकी किताबों में नए युग के लिए चीनी विशेषताओं के साथ समाजवाद पर शी जिनपिंग के विचार को शामिल किया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया कि 1 सितंबर से नए स्कूल वर्ष की शुरूआत के साथ ही प्राथमिक स्कूलों से लेकर स्नातक कार्यक्रमों तक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम में शी जिनपिंग की ओर से परिभाषित राजनीतिक विचारधारा को शामिल किया जाएगा। नए पाठ्यक्रम पर एक सरकारी नोटिस के अनुसार, प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को “युवा दिलों में पार्टी, देश और समाजवाद से प्यार करने का बीज बोना चाहिए।

नई स्कूली किताबों को राष्ट्रपति के तीखे उद्धरणों और उनके मुस्कुराते हुए चेहरे की छवियों से सजाया गया है। प्राथमिक विद्यालय के छात्रों के लिए चीनी सभ्यता की उपलब्धियों और गरीबी उन्मूलन और कोविड -19 महामारी से लड़ने में कम्युनिस्ट पार्टी की भूमिका पर अध्याय प्रस्तुत किए हैं। देशभक्ति और कर्तव्य पर शी द्वारा कही गई बातों के साथ-साथ आम नागरिकों के साथ उनकी बैठकों के उपाख्यानों को किताबों में शामिल किया गया है। पाठ्यक्रम पुस्तक में कहा गया है कि शी जिनपिंग काम में बहुत व्यस्त हैं, लेकिन वे कितने भी व्यस्त क्यों न हों, फिर भी वे हमारी गतिविधियों में शामिल होते हैं और हमारे विकास की परवाह करते हैं। शी जिनपिंग के विचारों में 14 मुख्य सिद्धांत हैं, जो कम्युनिस्ट आदर्शों पर जोर देते हैं। इनमें ‘गहन सुधार’ और ‘नए विकासशील विचारों’ का आह्वान करना, ‘मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्यपूर्ण जीवन’ का वादा, ‘एक देश दो व्यवस्था’ और मातृभूमि के एकीकरण के महत्व पर जोर देना शामिल है।

चीन के इस तरह के कदम से साफ प्रतीत होता है कि वो अपने देश के छात्रों का ब्रेन वॉश करने की तैयारी में लगा है जिससे आने वाले भविष्य में कभी सरकार की नाकामियों या फिर गलत नीतियों के खिलाफ आवाज न उठाया जा सके। नए पाठ्यक्रम के अनुसार प्राथमिक विद्यालय देश, सीपीसी और समाजवाद के लिए प्रेम पर ध्यान केंद्रित करेंगे। वहीं माध्यमिक विद्यालयों के पाठ्यक्रम में बुनियादी राजनीतिक निर्णयों और मतों से छात्रों की मदद करने के लिए प्रत्यक्ष बोधात्मक अनुभव और ज्ञान अध्ययन शामिल होगा।

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