राष्ट्रनायक न्यूज

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जन जागरूकता से पोषण प्राप्ति का लक्ष्य संभव: मंत्री

  • पोषण माह का हुआ उद्घाटन
  • चार थीम पर फोकस कर मनाया जायेगा पोषण माह
  • संपन्न घरों के बच्चे भी होते हैं कुपोषित- अतुल प्रसाद
  •  “कुपोषण छोड़ पोषण की ओर- थामें क्षेत्रीय भोजन की डोर” है पोषण माह की थीम

छपरा। “ जनजागरूकता से ही पोषण की लक्ष्य प्राप्ति संभव है और इसके लिए सभी सम्बंधित विभागों एवं सहयोगी संस्थानों को शपथ लेने की जरुरत है. पोषण के मानकों में लक्षित सुधारों की प्राप्ति के लिए समुदाय को जागरूक करना सभी का लक्ष्य होना चाहिए”, उक्त बातें आज पोषण माह का वर्चुअल शुभारंभ करते हुए मदन साहनी, मंत्री, समाज कल्याण विभाग बिहार सरकार ने कही. कुपोषण पर लगाम लगाने एवं एक सुपोषित समाज के निर्माण के लिए हर वर्ष सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जाता है. कोविड संक्रमण को ध्यान में रखते हुए इसका शुभारंभ ऑनलाइन मोड़ में किया गया.

स्वस्थ शरीर में होता है स्वस्थ दिमाग का वास- मदन साहनी

अपने संबोधन में मदन साहनी, माननीय मंत्री, समाज कल्याण विभाग बिहार सरकार ने कहा एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ दिमाग का वास होता है और इसके लिए बच्चों का सुपोषित होना जरुरी है. समुदाय में जनजागरूकता से सुपोषण की अलख जगाई जा सकती है ताकि लोग समझ सकें की उनके घरों में और आस पास पोषण प्राप्ति के कई साधन उपलब्ध हैं. एक स्वस्थ मस्तिष्क वाला बच्चा आगे चलकर एक कामयाब नागरिक बनता है और अच्छी आमदनी कर राज्य एवं देश की विकास में अहम् भूमिका अदा करता है. इसलिए महिलाओं के गर्भधारण के समय से ही उनके पोषण पर ख़ास ध्यान देने की जरुरत है ताकि उनकी और उनके गर्भ में पल रहे शिशु को पर्याप्त पोषण मिले. कम उम्र में लड़कियों की शादी से उनके बच्चे ज्यादातर कुपोषित होते हैं और इस कुप्रथा को रोकने में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना मील का पत्थर साबित हो रही है.

संपन्न घरों के बच्चे भी होते हैं कुपोषित- अतुल प्रसाद:

अतुल प्रसाद, अपर मुख्य सचिव, समाज कल्याण विभाग ने बताया जन जागरूकता एवं जन भागीदारी कुपोषण से निजात पाने के लिए जरुरी है. कुपोष सिर्फ गरीब तबके का अभिशाप नहीं अपितु संपन्न घरों के बच्चे भी कुपोषित हो सकते हैं. इसके लिए जरुरी है की मां के गर्भकाल के आरंभ से लेकर शिशु के 2 वर्ष पूरे करने तक पोषण का ध्यान रखा जाए और इसमें प्रथम 1000 दिन की महत्ता को जनमानस तक पहुँचाया जाये. अतुल प्रसाद ने कहा कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए सभी गतिविधियों का संचालन कोविड सुरक्षा मानकों का ध्यान रखते हुए किया जाए.

चार थीम पर फोकस कर मनाया जायेगा पोषण माह:

आलोक कुमार, निदेशक, समेकित बाल विकास विभाग ने कहा कोविड संक्रमण के पहले राज्य को पोषण माह में देश भर में अच्छा  प्रदर्शन किया है और इस वर्ष हम सभी को प्रयास करना है की बिहार पोषण माह के संचालन में प्रथम पायदान पर रहे. इस वर्ष चार थीम क्रमशः पोषण वाटिका, योग एवं आयुष चिकित्सा, अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित करना एवं उनके लिए पोषण युक्त भोजन की व्यवस्था करना और एनीमिया प्रबंधन पर फोकस रखते हुए पोषण माह का संचालन किया जाना है. इसके लिए सभी सहयोगी विभागों के साथ बैठक की जा चुकी है और सभी इस अभियान को सफल बनाने के लिए संकल्पित हैं।

सुलभ खाद्य सामग्री को दी जाएगी प्राथमिकता:

कार्यक्रम के समापन संबोधन में चित्रा वर्मा, अनुश्रवण पदाधिकारी ने बताया इस बार पोषण माह में आसानी से उपलब्ध होने वाले खाद्य सामग्री की उपलब्धता के बारे में जनमानस को जागरूक करने पर विशेष बल दिया जायेगा. उन्होंने बताया कोविड संक्रमण एवं बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए सभी को अधिक परिश्रम करने की जरुरत है। कार्यक्रम में पोषण अभियान की राज्य नोडल श्वेता सहाय, जिलों से जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, विभिन्न आईसीडीएस कर्मी एवं सहयोगी संस्थानों एवं विभागों के अधिकारी एवं प्रतिनिधि मौजूद थे.