नई दिल्ली, (एजेंसी)। आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में कार्बी आंगलोंग समझौते पर हस्ताक्षर हुआ। यह हस्ताक्षर गृह मंत्रालय में हुआ। इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और पूर्व मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय मंत्री सवार्नंद सोनेवाल मौजूद रहे। समझौते के बाद अमित शाह ने कहा कि कार्बी आंगलोंग ऐतिहासिक समझौता आज संपन्न हुआ, ये दिन निश्चित रूप से असम और कार्बी क्षेत्र के इतिहास में स्वर्णमयी अक्षरों के साथ लिखा जाएगा। आज 5 से अधिक संगठनों के लगभग 1000 कैडर ने हथियार डालकर मुख्यधारा में आने की शुरूआत की है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक अमित शाह ने कहा कि कार्बी आंगलोंग के संबंध में असम सरकार 5 साल में एक क्षेत्र के विकास के लिए 1000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। नरेंद्र मोदी सरकार की नीति है कि जो समझौता हम करते हैं, उसकी सभी शर्तों का पालन हम अपने ही समय में पूरा करते हैं। वही असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम में दो आदिवासी समूह बोडो और कार्बी असम से अलग होना चाहते थे। 2009 में बोडो समझौता हुआ और इसने असम की क्षेत्रीय अखंडता को बसाते हुए विकास का नया रास्ता खोला। आज कार्बी समझौता हुआ। इससे कार्बी आंगलोंग इलाके में शांति आएगी।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उनके पुनर्वास के लिए काम करेंगे। हिल्स आॅटोनोमस काउंसिल में उनको आरक्षण मिलेगा। काउंसिल को 1000 करोड़ रुपये मिलेंगे जिसमें 500 करोड़ केंद्र और 500 करोड़ राज्य सरकार देगी। उन्होंने कहा कि कार्बी भाइयों को विशेष तौर पर जनजातीय लोगों को छठी अनुसूची में आने वाले क्षेत्र में आरक्षण की सुविधा मिलेगी। उनकी भाषाओं के विकास के लिए काम किया जाएगा। क्षेत्र के विकास के लिए 500 करोड़ रुपये राज्य सरकार और 500 करोड़ रुपये केंद्र सरकार काउंसिल को देगी।


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