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फाइलेरिया उन्मूलन अभियान : फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए जिले में 20 सितंबर से चलेगा एमडीए कार्यक्रम

  • सभी प्रखंड के आशा कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण:
  • आशा कर्मियों द्वारा घर-घर जाकर लोगों को खिलाई जाएगी दवाई:
  • 02 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों खिलाई जाएगी डीईसी एल्बेंडाजोल:

कटिहार, 09 सितंबर।

जिले के सभी व्यक्तियों को फाइलेरिया बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए 20 सितंबर से फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की शुरुआत की जाएगी। जिसमें जिले के सभी लोगों को एमडीए (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) अभियान के तहत डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। 14 दिवसीय अभियान की बेहतरी के लिए जिले के सभी प्रखंडों में सभी आशा कर्मियों और शहरी क्षेत्र में आशा के साथ आंगनबाड़ी सेविकाओं को भी प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण में सभी आशा कर्मियों को अभियान की  शुरुआत से पूर्व माइक्रोप्लान तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है जिसे 20 सितंबर से धरातल पर उतारा जाएगा। अभियान की सफलता के लिए आशा कर्मियों व आंगनवाड़ी सेविकाओं द्वारा अपने क्षेत्रीय लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है जिससे कि सभी लोग 20 सितंबर से शुरू हो रहे अभियान में भाग लेकर अपने और अपने परिवार के लोगों को फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से सुरक्षित रख सकें।

सभी प्रखंड की  आशा कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण:

फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम से पूर्व सभी प्रखंड की आशा कर्मियों और शहरी क्षेत्र की आंगनवाड़ी सेविकाओं को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें उन्हें फाइलेरिया से बचाव के लिए लोगों को दी जाने वाली जानकारी के साथ अलग-अलग उम्र के लोगों को दवा खिलाने के नियमों की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में उन्हें बताया गया कि एमडीए कार्यक्रम के लिए आशा कर्मियों की दो सदस्यीय टीम बनाई जाएगी जिसके द्वारा 14 दिन तक उनके निर्धारित क्षेत्र में लोगों को अपने सामने दवा खिलायी जाएगी। अभियान के पहले सात दिन में एक आशा के क्षेत्र में पहले छः दिन घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाने के बाद सातवें दिन छूटे हुए घरों में भ्रमण कर लोगों को दवा खिलायी जाएगी। आठवें दिन से तेरहवें दिन तक दूसरे आशा के क्षेत्र में लोगों को घर-घर जाकर दवा खिलाई जाएगी तथा चौदहवें दिन छूटे हुए लोगों को दवा खिलायी जाएगी। दवा खिलाने के बाद आशा द्वारा अपने क्षेत्र के लोगों का रजिस्टर संधारण तथा दवा बचत का प्रतिवेदन तैयार करने की भी जानकारी सभी आशा कर्मियों को प्रशिक्षण के दौरान दी गई। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चलाये जा रहे एमडीए कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग को केयर इंडिया द्वारा तकनीकी सहयोग तथा पीसीआई द्वारा मोबिलाइजेशन सहयोग प्रदान किया जा रहा है।

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए ऐसे खानी है दवा:

इस अभियान में आशा कर्मियों द्वारा लोगों को अपने सामने ही डीईसी तथा अल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई जाएगी। इसमें 02 वर्ष से 05 वर्ष के बच्चों को डीईसी तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली, 06 वर्ष से 14 वर्ष तक के लोगों को डीईसी की दो तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी। लोगों द्वारा अल्बेंडाजोल का सेवन चबाकर किया जाना है। 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को कोई दवा नहीं खिलायी जानी है।

क्या होता है फाइलेरिया या हाथी पाँव की बीमारी:

जिला मलेरिया पदाधिकारी (डीएमओ) डॉ. जे.पी. सिंह ने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। क्यूलेक्स मच्छर आम तौर से लोगों से घरों के दूषित स्थलों, छत पर, आसपास लगे हुए पानी में भी पाया जाता है। इस बीमारी को आमतौर पर लोग हाथी पांव भी कहते हैं। इसके शुरुआती लक्षण में बुखार का आना, शरीर में लाल धब्बे या दाग होना, शरीर के किसी भी अंग में सूजन होना आदि होता है। ज्यादातर इस बीमारी से ग्रसित लोगों के पांव या हाइड्रोसिल (अंडकोष की थैली) में सूजन हो जाती है। लोग इस बीमारी से सुरक्षित रह सकें इसके लिए ही सरकार द्वारा साल में एक बार एमडीए (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) कार्यक्रम चलाया जाता है जिससे कि लोगों को जरूरी दवा उपलब्ध करायी  जा सके जो इस बीमारी को रोकने में सहायक होता है। डॉ. जे.पी. सिंह ने बताया जिले में 1968 व्यक्ति फाइलेरिया रोग से ग्रसित पाए गए हैं। स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा और भी फाइलेरिया ग्रसित लोगों की खोज की जा रही है। फाइलेरिया को रोकने के लिए जिले 20 सितम्बर से शुरू हो रहे एमडीए कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसमें सभी लोगों को भाग लेना चाहिए और स्वयं तथा अपने परिवार को इस बीमारी से सुरक्षित करना चाहिए।

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