राष्ट्रनायक न्यूज।
मांझी/सारण (संजय पांडेय)। कलियुग में सिर्फ श्रीमद भागवत कथा का श्रवण करने से ही समूल पापों का नाश हो जाता है। इनके श्रवण मात्र से श्रीहरि अपने हृदय में आ विराजते हैं। उक्त कथा प्रसंग आदर्श ग्राम बरेजा में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के दौरान कथा वाचक श्री श्री संत रामदास उदासनी उर्फ भैया जी महाराज ने कही। उन्होंने श्रीमद भागवत के विशेषता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्रीमद भागवत सभी पुराणों का सिरमौर है। गंगा में स्नान करके लोगो को शरीर से किये गए पापों से छुटकारा मिल जाता है जबकि श्रीमद भागवत के श्रवण मात्र से मानसकि रूप से किये गए पापों का नाश हो जाता है। सर्वश्रेष्ठ मानव का सबसे अच्छा गुण वही होता है जो सबके प्रति दया व सम्मान का भाव रखता है वास्तव में वही सर्वश्रेष्ट मानव कहलाता है। अच्छी संगति एवं सदमार्ग पर चलकर ही इन सारे मानवीय गुणों की रक्षा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि भागवत कथा जीवन जीने की सार के साथ मोक्ष का मार्ग दिखाती है कथा श्रवण के बाद विचारों की शक्ति मानव को अच्छे कर्म करने के लिए प्रेरित करती है। इसलिए भागवत कथा के विचारों को मानव धारण करे तो जीवन सरल व सुगम बनता जाता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण ने सत्य के मार्ग का अनुसरण करने की बात कही थी। इसलिये कहा भी गया है कि सत्य से बड़ा कोई धर्म नही के झूठ से बड़ा कोई पाप नही होता है। हमेशा सत्य बोलने वाले लोगो का परमात्मा से साक्षत्कार होता है। वहीं कथा प्रसंग के दौरान श्रीकृष्ण-राधे की आकर्षक झांकी देख श्रद्धालु भावविभोर हो गए।


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