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अभिभावक और शिक्षक बच्चों से नियमित हाथ धोने व मास्क लगाने की करें चर्चा

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बच्चों को हाइजीन के प्रति उन्मुख करने का दिया सुझाव

गया, 21 सितंबर।

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को लेकर स्वास्थ्य विभाग सजग है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा तीसरी लहर की संभावना के मद्देनजर विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में पेडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट तैयार किये गये हैं. सभी तैयारियों के साथ साथ बच्चों में कोविड संक्रमण को लेकर माता पिता व शिक्षकों को बहुत अधिक जागरूक रहने की जरूरत है. अभिभावक व शिक्षक बच्चों को नियमित रूप से मास्क लगाने तथा हाथों को साबुन पानी से धोने के प्रति उन्मुख करते रहें. सर्दी, खांसी या वायरल होने पर बच्चों को घर पर रहने की सलाह दें. बच्चों में कोविड संक्रमण से सुरक्षित रखने संबंधी आवश्यक एहतियात के संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जानकारी दी है कि स्कूल जाने से पूर्व बच्चों के स्वास्थ्य की निगरानी करते रहें. उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ही स्कूल जाने दिया जाये. बच्चों में संक्रमण की रोकथाम के लिए विशेष सावधानियां बरती जायें ताकि संक्रमण के खतरे की संभावना कम से कम हो. गंभीर श्वसन संबंधी रोग जैसे अस्थमा, तथा मोटापा, डायबिटीज, कैंसर आदि रोगों से पीड़ित बच्चों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.

अभिभावक इन बातों का रखें ध्यान:

अभिभावक व बच्चों की देखभाल करने वाले बच्चों का नियमित रूप से हाइजीन के प्रति उन्मुखीकरण करते रहें. उन्हें नियमित साफ पानी तथा साबुन से हाथ धोने के फायदों के बारे में बतायें. हाथों के गंदे दिखने के साथ हाथ धोने के लिए कहें. यदि साबुन पानी नहीं हो तो सैनिटाइजर के इस्तेमाल के तरीकों की जानकारी दें. सुनिश्चित करें कि उन्हें साफ पीने का पानी तथा  शौचालय आदि उपलब्ध हो तथा उनके द्वारा इस्तेमाल किये गये टीश्यू पेपर, मास्क आदि का निस्तारण सही तरीके से हो रहा है.  बच्चों को खांसने व छींकने के दौरान टीश्यू पेपर या रूमाल इस्तेमाल करने के लिए कहें.

स्कूल की कक्षाएं हों पूरी तरह हवादार:

शिक्षक यह सुनिश्चित करें कि स्कूल की कक्षाएं पूरी तरह हवादार हों. बच्चों से प्रश्न पूछने तथा अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए कहें. कोविड से जुड़ी भ्रांतियों की जानकारी दें तथा बच्चों को संक्रमित के प्रति सहानभूति रखने के बारे में बतायें. कोविड संक्रमण को स्टिग्मा के तौर पर नहीं देखने की सलाह दें. समय समय पर माता पिता के साथ इस विषय पर बात करें.

शिक्षक और अभिभावक दें यह जानकारी:

बच्चों को फेफड़ों के मजबूत बनाने के लिए गुब्बारा फुलाने के लिए कहें. बच्चों को गुनगुना पानी पीने, सांस वाली एक्सरसाइज करने, इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए फल के सेवन, हल्दी वाला दूध पीने आदि के लिए कहें. संक्रमण के बारे में बच्चों के मन में भय नहीं पैदा करें.

क्या कहते हैं शिशु रोग विशेषज्ञ:

मगध मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ मंजुल विजय ने बताया बच्चों के साफ सुथरे पौष्टिक भोजन का ध्यान रखें. बच्चों को जंक फूड की आदत नहीं दिलायें और उनके भोजन में फल, हरी साग सब्जियां, दाल, अंडा, मांस—मछली आदि शामिल करें. बच्चों की दिनचर्या में व्यायाम व योग शामिल करें तथा कुछ समय के लिए सुबह की धूप में बैठाएं. धूप से शरीर को विटामिन डी प्राप्त होता है. इस तरह से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. बच्चों के सर्दी बुखार होने पर घबराएं नहीं बल्कि संयम धारण कर शिशु रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें.