- डीएसपी, अंचल निरीक्षक के साथ नगरा ओपी और खैरा थाने की पुलिस मौके पर कर रही तफ्तीश
राष्ट्रनायक न्यूज।
नगरा (सारण)। खैरा थाना क्षेत्र के खैरा- बनियापुर नहर स्थित मुरार छपरा पुल के समीप गुरूवार की सुबह जामून के पेड़ से लटका एक 37 वर्षीय युवक का शव मिला। इस बाबत स्थानीय ग्रामीणों ने बताया की सुबह- नित्यक्रिया करने कुछ लोगों ने उक्त स्थल के समीप पहुंचे तो देखें की एक युवक का शव जामून के पेड़ से लटका पाया गया। जिसके बाद खबर क्षेत्र में जंगल की आग की तरह फैल गई। साथ ही साथ सुबह में व्हाट्सएप ग्रुपों में भी युवक का फोटो शेयर होने लगा ताकि युवक की पहचान हो सके। वहीं कुछ ही देरे में व्हाट्सएप ग्रुपों में फोटों शेयर से युवक का पहचान लोगों ने किया उक्त युवक जलालपुर थाना क्षेत्र के कोठेया गांव निवासी किशुन महतो के सबसे बड़े पुत्र संजय कुमार महतों के रूप में हुई। कुछ ही देर बाद परिजनों के साथ कोठेया गांव के ग्रमीण घटना स्थल पर पहुंचने लगे। वहीं सूचना मिलने पर नगरा ओपी प्रभारी हरेश्वर प्रसाद सिंह अपने दल बल के साथ घटना स्थल पर पहुंच इसकी जानकारी अपने पदाधिकारियों को दी जिसके बाद सदर अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी मुनेश्वर प्रसाद, सदर अंचल पुलिस निरीक्षक रामसेवक प्रसाद यादव, खैरा थाना के सहायक अवर निरीक्षक रामजतन प्रसाद अपने दल-बल के साथ मौके वारदात पर पहुंच स्थिति का जायजा लेने के साथ ही पुलिस पदाधिकारियों की मौजूदगी में नगरा ओपी के चौकिदार द्वारा पेड़ से लटके उक्त शिक्षक का शव को उतारा गया।
तलाशी के दौरान मृत शिक्षक के पास से कागज के छोटे टुकड़े में मिला मोबाईल नंबर, फोन लगाने पर हुआ अजीबोगरीब स्थिति
मुरार छपरा पुल के समीप जामून के पेड़ से लटका शिक्षक का शव को पुलिस ने उतार कर शरीर की तलाशी लेने के बाद उक्त शिक्षक की पौकेट से कागज के एक छोटे टुकड़े में मोबाईल नम्बर लिखा मिला। जब नगरा ओपी प्रभारी हरेश्वर यादव ने उस नंबर पर फोन लागई तो दो तीन बार तो रिंग होता रहा पर कोई रिसीव नहीं कर रहा था पर जब रिसीव हुआ तो इस संबंध में फोन से बताया गया की हम नगरा से बाड़ाबाबु बोल रहे है। तो उधर से जबाब मिला की हम एसपी बोल रहे है इतना सुनते ही ओपी प्रभारी हकलान हो फोन को सदर अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी मुनेश्वर प्रसाद दे दिये। जब उन्होंने कहां की हम एसडीपीओ बाल रहे है यहां एक घटना घटी है एक मृत युवक के जेब से आपके ही फोन नंबर लिखा मिला है। इतना सुनते ही उक्त युवक बोला की यह नम्बर जीएस बंगरा का है पर हम अभी सर गुड़गांव दिल्ली में है। हमें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
हत्या है या आत्महत्या? पुलिस कर रही तपशीस, लोगों की है अलग अलग राय
कोठेया गांव के शिक्षक का शव मुरार छपरा पुल के समीप जामून के पेड़ से लटके मिलने से क्षेत्र में अलग अलग चर्चाओं का बाजार गर्म है। मिली जानकारी के अनुसार कोठेया गांव के कुछ ग्रामिणों का कहना है की मृत शिक्षक का स्वाभाव बहुत ही अच्छा थे। पर कुछ दिन पूर्व उनके ही एक पड़ोसी ने ही उक्त शिक्षक पर अपनी पुत्री को भगाने के मामले में उनको नामजद किया गया था जिसके बाद से ही वो काफी मांसिक परेशानी से जूझ रहे है। वहीं कुछ दिन पहले ही ग्रामिणों के सहयोग से उक्त मुकदमें में दोनों तरफ से सुलह हो गया था। फिर भी वो मांसिक अवसाद से ग्रसित थें। हो सकता है उसी गलानीता के बोझ तले ये कदम उठाया हो? वहीं कुछ का कहना था की इनको यहां फंदे में लटकाया गया है यह हत्या हो सकती है। इन्हीं अशंकाओं के बीच पुलिस जांच में जुंट गई है। अब पुलिस अनुसंधान के बाद ही पता चल पायेगा की यह हत्या है या आत्म हत्या?
तीन भाईयों में बड़े थे संजय, अपने पीछे छोड़ गये तीन पुत्रियां व एक पुत्र व पत्नी, ट्यूशन पढ़ाकर करते थे परिवार का भरन पोषण
स्थानीय लोगों की माने तो कोठेया गांव निवासी मृत शिक्षक संजय कुमार महतों अपने पीछे एक भरा पुरा परिवार छोड़ गये है तीन भाईयों में सबसे बड़े थें। दूसरा भाई वन विभाग में कार्ररत है तो वहीं सबसे छोटा भाई आंख से दिव्यांग है। जबकि पिता किशुन महतो खेतों में मजदूरी करते है। वहीं संजय कुमार की बात करे तो वो गांव में ही छात्र एवं छात्राओं को कोचिंग में पढ़ाने के साथ ही दूसरे के घर बच्चों को ट्युशन की शिक्षा दें अलख जगाने का काम करते थें। वो कोठेया गांव में ही उनकी शादी नगरा के बनाफर गांव में हुआ है। जिसके बाद उनकी तीन पुत्रियां है और एक पुत्र भी अपने पीछे छोड़ गये है।
शव को सड़क पर रख कर ग्रामिणों ने किया घंटों प्रदर्शन
शव के पास्टमॉटम हो जाने के बाद कोठेया गांव के ग्रामिणों ने शव को सड़क के बीच में रखकर घटों आगजनी किया जिससे छपरा से मलमलिया के रास्ते जाने वाले राहगीरों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। वाहन जहां थी वही लगभग चार घंटे खड़ी रही। परिजनों के साथ ग्रामिणों का मांग था की मृतक को सरकार द्वारा मिलने वाली उचित मुआबजा तत्काल मिले। वहीं जलालपुर थाने की पुलिस कोठेया मोड़ के पास आकर ग्रामिणों के गुस्सा देख वापस चली गई। जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक पदाधिकारियों के काफी समझाने पर चार घंटे बाद लोग शव को अंतिम संसकार के लिए हटाने को राजी हुई तब जाकर छपरा- मलमलिया सड़क मार्ग बहाल हो पाई।


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