पंकज कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज़।
मशरक (सारण)। प्रखण्ड मुख्यालय से 5 किमी दूर कवलपुरा गाँव मे अवस्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय कोरोना की वजह से पिछले 14 मार्च से अब तक बन्द है। गुरुवार को दिन के 2 बजे 2 अक्टूबर से विद्यालय खोले जाने की सूचना पर जब लाइव पड़ताल की तो विद्यालय के आसपास घने जंगल, भवन के उजड़े दीवाल एवं कमरे से लेकर किचेन तक कचरे से भरा मिला। प्रभारी जितेन्द्र कुमार सिंह विद्यालय कर्मियों के साथ साफ सफाई में जुटे दीखे। कस्तूरबा के वार्डन एवं रसोइया सहित अन्य कर्मियों ने बताया कि विद्यालय बन्द होने की वजह से इस तरह के हालात हुए है। हालांकि कोरोनाकाल में विद्यालय कवारेंटीन सेंटर था तब से आज तक सेनेटाइजेशन एवं आसपास प्रशासन द्वारा छिड़काव भी नही हो पाया है। विद्यालय प्रभारी के अनुसार भवन का रंग रोगन एवं मरम्मती के लिए राशि उपलब्ध नही है। भवन में पेयजल एवं बिजली की मरम्मती कराए जाने की बात बताई। जानकारी हो कि मशरक मुख्यालय बीआरसी में खुला विद्यालय भवन बनने के बाद कवलपुरा में 4 वर्ष पूर्व शिफ्ट हुआ तबसे विद्यालय भवन की मरम्मती एवं सामने खाली जमीन में मिट्टीकरण नही हो पाया है जिससे स्कूल के बच्चियों को खेलने में परेशानी होती है। विद्यालय में कक्षा 6 से 8 के लिए कुल 53 छात्रा नामांकित है। जिन्हें कोविड गाइडलाइल के तहत एक कमरे में लगे 4 बेड पर अलग अलग रखा जाएगा जबकि कक्षा में एक बेंच पर दो छात्रा के बैठने की व्यवस्था होगी उक्त जानकारी मौके पर जायजा लेने पहुँची बीईओ डॉ वीणा कुमारी ने बताया । विद्यालय को अभी तक स्थायी प्रभारी भी नही मिलना हमेशा चर्चा में रहता है । बुनियादी विद्यालय कवलपुरा के प्रधानध्यापक शशांक भूषण सिंह द्वारा विद्यालय का प्रभार लेने से इनकार करने पर विद्यालय के शिक्षक जितेंद्र सिंह को प्रभार दिया गया है। विद्यालय में एक वार्डन , दो रसोइया, एक स्वीपर एव एक नाइट गार्ड अभी प्रतिनियुक्त है।


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