राष्ट्रनायक न्यूज़।
गड़खा (सारण)। गांधी जयंती के पर डेढ़ वर्षों से बन्द पड़े कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय गड़खा खुल रहा है।बच्चों के साथ अभिभावक एवं विद्यालय प्रबंधन भी काफी खुश नजर आ रहा है।बालिकाओं का 2 अक्टूबर से आवासन हो इसके पहले विभागीय निर्देश के अनुरूप सर -सफाई , रंग -रोगन तथा मरम्मती रख – रखाव का कार्य प्रगति पर है। बन्द पड़े पंखे, टूटे हुए नल, सिलाई मशीन, कम्प्यूट, पैड डिस्पोजल मशीन आदि की मरम्मती हो रही है। आर. ओ., चापाकल या तो मरम्मत योग्य हैं तो मरम्मत किया जा रहा है या नया लगाया जा रहा है। जले हुए पंखों को भी रिप्लेस किया जा रहा है।भावी आवासन को देखते हुए रात -दिन कार्य चल रहा है। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित संचालक सह प्रधानाध्यापक अखिलेश्वर पाठक ने बताया कि बीईपी द्वारा जारी कोविड 19 के गाईड लाइन का पालन करते हुए सभी बालिकाओं के लिए अलग अलग बेड लगाए जा रहे हैं। सभी परिसर एवं कमरों को सेनेटाइज किया जा रहा है। आवासन की आवश्यकता को देखते हुए सारी तैयारियां पूरी की जा रही हैं जैसे किराना सामग्री, गैस, आलू, प्याज आदि का भंडारण। सभी बन्द पड़े चूल्हों को रिप्लेस किया जा रहा है। स्टेशनरी सामग्री एवं प्रसाधन की सामग्री की भी व्यवस्था राशि की प्रत्याशा में की जा रही है। बालिकाओं के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए भी सीएचसी गड़खा से संपर्क किया जा रहा है। विद्यालय प्रबंधन अपनी तरफ से थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क वितरण एवं हैंड सेनेटाइज की व्यवस्था कर रहा है।वार्डन कुमारी आशा एवं शिक्षिका कुमारी नीलिमा ने बताया कि हॉस्टल के खोलने का सरकार का निर्णय बड़ा ही सराहनीय है।बंदी के कारण यहां का सारा सामान बर्बाद हो रहा था। साथ ही इन सभी गरीब लड़कियों की पढ़ाई पर भी असर पड़ा है।


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