पटना: अब तक बिना बीमा के गाड़ी चलाने वाले वाहन मालिक सचेत हो जाएं। ऐसी गाड़ियों से अगर किसी को धक्का लगने से मौत हो जाती है तो वाहन मालिकों को मुआवजे की राशि यानी पांच लाख रुपए देनी होगी। पैसा देने में आनाकानी करने पर सरकार ऐसी गाड़ियों को नीलाम कर देगी। परिवहन विभाग का यह नियम बिहार में लागू हो गया है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार वाहन मालिकों को गाड़ी का बीमा कराने के साथ ही थर्ड पार्टी इंश्योरेंस भी कराना जरूरी है। बीमारहित वाहनों की स्थिति में अंतरिम भुगतान की गई मुआवजा राशि का समायोजन वाहन मालिकों से किया जाएगा। बिहार वाहन दुर्घटना सहायता निधि के संबंधित जिले के बैंक खाते में एक तय अवधि के भीतर बीमारहित वाहन मालिक को पैसा जमा करना होगा। अगर वाहन मालिकों ने उदासीनता बरती या पैसा देने में आनाकानी की तो उनकी जब्त गाड़ी को सरकार नीलाम कर देगी।
नीलाम की गई राशि को बैंक खाते में जमा किया जाएगा। अगर नीलाम से प्राप्त राशि और मुआवजा राशि में अंतर आता है तो शेष राशि वाहन मालिकों से ही वसूली जाएगी। उदाहरणस्वरूप बीमारहित वाहन से किसी की मौत हो जाए तो सरकार पांच लाख मृतक के परिजनों को अपनी ओर से दे देगी। लेकिन वह पांच लाख रुपए बीमारहित वाहन मालिकों को देना होगा। पैसा नहीं देने पर उनकी गाड़ी नीलाम होगी। गाड़ी की नीलामी में अगर पांच लाख रुपए नहीं आए तो बची राशि वाहन मालिकों से ही वसूली जाएगी।
वहीं अगर गाड़ियों का बीमा रहा तो सरकार खुद बीमा कंपनियों से पैसे की वसूली करेगी। चूंकि आम लोगों से बीमा कंपनियां पैसा देने में आनाकानी करती है। इसलिए तय किया गया है कि सरकार के अधिकारी खुद बीमा कंपनियों से पैसे की वसूली की कार्रवाई करेंगे। अगर बीमा कंपनियों ने पैसा देने में आनकानी की तो दुर्घटना दावा जांच पदाधिकारी बिहार लोक मांग वसूली अधिनियम के तहत आवश्यक कार्रवाई करेंगे। कार्रवाई का जिम्मा जिलाधिकारी की ओर से नामित अधिकारी को दिया गया है। सभी गाड़ियों का कम से कम थर्ड पार्टी इंश्योरेंस हो, इसके लिए गाड़ी मालिकों को नोटिस भेजा जा रहा है। केंद्र सरकार ने तय किया है कि राज्यों को इसकी जानकारी दे दी जाए कि उनके यहां कितनी गाड़ियों का बीमा नहीं है। गाड़ियों की सूची मिलने पर संबंधित राज्यों के परिवहन विभाग की ओर से बीमारहित गाड़ी मालिकों को नोटिस भेजा जाएगा कि वे अपनी गाड़ियों का बीमा या कम से कम थर्ड पार्टी इंश्योरेंस जरूर करा लें ताकि दुर्घटना होने पर वे मुआवजा की राशि देने से बच जाएं।


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