- बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह की जयंती समारोह पूर्वक मनी
राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। शहर स्थित शिवनंदन लाइब्रेरी में बिहार के पहले मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह की जयंती समारोह मनाई गई। मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री डॉ महाचंद्र प्रसाद सिंह, विशिष्ट अतिथि विधायक सीएन गुप्ता के अलावा सभा में शामिल अन्य लोगों ने श्री बाबू के चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री डॉ महाचंद्र सिंह ने कहा कि श्री बाबू ने आजादी की लड़ाई में जहाँ कट्टर राष्ट्रभक्त के रूप में महती भूमिका निभाई, वहीं स्वतंत्रता के पश्चात एक कुशल प्रशासक के रूप में बिहार के नव निर्माण की नींव रखी। अनुग्रह बाबू मुख्यमंत्री का चुनाव श्रीबाबू से हार गए थे। चुनाव के पश्चात दोनों एक दूसरे के गले मिलकर फूटफूट कर रोये और श्रीबाबू ने मुख्यमंत्री बनने के बाद मंत्रिमंडल की पूरी जिम्मेवारी अनुग्रह बाबू को सौंप दिए। श्रीबाबू और अनुग्रह बाबू लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी थे । श्री बाबू की देशभक्ति, कर्मठता, कार्यकुशलता, त्याग और मानव प्रेम अपने आप में एक मिसाल है। श्री बाबू जहां एक तरफ आधुनिक बिहार के प्रणेता थे। वहीं दूसरी ओर वे सामाजिक न्याय और समाज सुधार के पुरोधा थे। वे आम जनमानस में काफी लोकप्रिय थे। आजादी के पहले प्रधानमंत्री के रूप में और आजादी के बाद आजीवन बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में बिहार के विकास की रेखा खींची। डॉ सिंह ने आगे कहा कि श्री बाबू का स्कूली जीवन मुंगेर में बीता, उन्होंने मुंगेर जिले से ही वकालत की शुरुआत की, श्री बाबू के सामाजिक और राजनीतिक जीवन की शुरुआत भी मुंगेर जिले से हुई थी। छात्र जीवन में ही मुंगेर जिले में ही गंगा नदी के कष्ट हरनी घाट पर उन्होंने एक हाथ में गीता और एक हाथ में कृपाण लेकर भारत माता को आजाद कराने की कसम खाई थी। 1926 ई अप्रैल-मई महीने में जब मुंगेर सांप्रदायिक दंगों की आग में झुलस रहा था। उन्होंने साहब मोहम्मद जुबेर को साथ लेकर वहां सांप्रदायिक सौहार्द स्थापित किया था, जो आज भी कायम है। अगर हम यह कहें कि मुंगेर के कण-कण में श्री बाबू की यादें बसी हैं तो यह गलत नहीं होगा।
मूंगेर और श्री बाबू के कृत्य एक दूसरे में रचे बसे हैं। डॉ सिंह ने आगे कहा कि वे बिहार सरकार से आग्रह करेंगे कि मुंगेर में नवनिर्मित विश्वविद्यालय का नाम डॉ श्री कृष्ण सिंह मुंगेर विश्वविद्यालय रखा जाए। मुंगेर विश्वविद्यालय का नाम श्री बाबू के नाम पर रखने से श्री बाबू को तो सम्मान मिलेगा ही साथ ही मुंगेर के लोगों की प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
वहीं स्थानीय विधायक सीएन गुप्ता ने श्रीबाबू के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार में चर्चा किया। सीएन गुप्ता ने कहा कि शहर में जहां भी निकलता हूं हर तरफ महाचंद्र बाबू का शिलापट्ट लगा रहता है।
इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ताओं में सारण जिला भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष रमेश प्रसाद, अशोक कुमार सिंह प्रचार्य अरुण सिंह , प्रमंडलीय शिक्षक नेता चंद्रमा सिंह, मनोज भारद्वाज, पुरुषोत्तम मिश्रा आदि लोगों ने श्री कृष्ण के जीवन पर विस्तार रूप से अपना अपना विचार रखा है। सभा की अध्यक्षता पूर्व जिला अध्यक्ष बंशीधर तिवारी एवं मंच का संचालन जिला उपाध्यक्ष सह सिवान जिला प्रभारी रंजीत सिंह ने किया। सभा का धन्यवाद ज्ञापन बिहार भाजपा क्रिड़ा प्रकोष्ठ क्षेत्रीय प्रभारी धर्मेंद्र सिंह चौहान ने किया।
इस मौके पर पूर्व शिक्षक बच्चा बाबू, पूर्व जिला भाजपा महामंत्री श्रीनिवास सिंह, किसान मोर्चा जिला महामंत्री अर्द्धेन्दु शेखर,भाजपा जिला मंत्री सत्यानंद सिंह, किसान मोर्चा जिला महामंत्री जितेंद्र सिंह, आईटी सेल जिला संयोजक निशांत राज, किसान मोर्चा जिला प्रवक्ता अशोक कुमार, पूर्व भाजयुमो अध्यक्ष गामा सिंह, विधि प्रकोष्ठ संयोजक मनोज सिंह, शिक्षक नेता विजय ठाकुर कुमार, कुमार अर्णज, हरेराम पांडेय, पूर्व जिला प्रवक्ता राजेश सिंह, रिविलगंज नगर मंडल अध्यक्ष अनुरंजन कुमार, छपरा नगर अध्यक्ष सुशील सिंह, जिला भाजपा मंत्री इंदर राय, रिविलगंज सदर अध्यक्ष रविभूषण मिश्रा, बाजार समिति अध्यक्ष मदन मोहन सिंह, विभूति शर्मा, किसान मोर्चा मंत्री बलवंत सिंह, जीतू सिंह, शैलेश सिंह के अलावा जिले के अन्य प्रबुद्धजन मौजूद थे।


More Stories
सारण के सांसद रूडी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की हुई बैठक, विकास योजनाओं पर हुई चर्चा
कार्यपालक सहायकों ने स्थायीकरण की मांग को ले दी चरणबद्ध आंदोलन व अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
चुनाव आयोग की मनमानी और अलोकतांत्रिक कार्रवाई के विरुद्ध सी पी आई(एम) ने निकाला प्रतिरोध मार्च, डीएम को ज्ञापन सौंपा