- कोविड दिशा निर्देश के पालन को सजग दिखीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
- साप्ताहिक मेन्यू के अनुसार दिए जाएंगे पोषाहार, सभी सीडीपीओ को दिया गया आदेश
- कोविड दिशा निर्देश के साथ खोले गए केंद्र, बच्चों को खिलाया पोषाहार
राष्ट्रनायक न्यूज।
मधेपुरा। कोरोना संक्रमण के कारण करीब 11 माह से जिले के सभी बंद रहे आंगनबाड़ी केंद्र सोमवार को खुल गए हैं। केंद्रों के खुलने से बच्चों का केंद्रों पर आना शुरू हो गया है। उल्लेखनीय है कि समेकित बाल विकास सेवाएं निदेशालय ने जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को 15 नवंबर से पुन: संचालित करने का निर्देश दिया था। कोविड संक्रमण काल के मद्देनजर आंगनबाड़ी केंद्रों को खोलने के लिए मार्गदर्शिका भी जारी की गयी है। ‘मास्क लगाओ- दूरी बनाओ, आंगनबाड़ी में इसे अपनाओ’ को आंगनबाड़ी केंद्र खुलने पर विशेष तरजीह भी दी जाने की बात कही गई है।
साप्ताहिक मेन्यू के अनुसार बच्चों को दिया जाएगा पोषाहार
आईसीडीएस के जिला प्रोग्राम पदाधिकारी मो कबीर ने बताया कि सभी सीडीपीओ को साप्ताहिक मेन्यू के अनुसार बच्चों को पोषाहार दिए जाने का आदेश निर्गत किया जा चुका है। मेन्यू के अनुसार महीने के चार सोमवार को नाश्ता में अंकुरित चना और गुड़ तथा गर्म पका भोजन में चावल का पुलाव दिया जाना है । वहीं महीने के चारों मंगलवार को नाश्ता में गुड़ चूड़ा तथा गर्म पका भोजन में पौष्टिक लड्डू का वितरण किया जाना है। बुधवार को नाश्ता में गुड़ चूडा एवम् अंडा तथा खाना में सत्तू लड्डू, गुरुवार को गुड़ चूडा तथा सूजी का हलवा खाने एवम् शुक्रवार को दूध एवम् रसियाव । शनिवार तथा अन्य अतिरिक्त दिवस को नाश्ते में गुड़, चूड़ा तथा खाने में खिचड़ी खिलाने का आदेश दिया गया है।
कोविड दिशा निर्देश का पालन कर केंद्र का हुआ संचालन, बच्चों ने खाया पोषाहार
ग्वालपाड़ा प्रखंड के सरौनी कला पंचायत के फकीरना वार्ड नंबर 1 केंद्र पर बच्चों के बीच कोविड दिशा निर्देश का पालन काराते हुए केंद्रों का संचालन किया गया। फकीराना केंद्र पर आंगनबाड़ी सेविका नाम सोनी कुमारी एवम् सहायिका नाम कंचन कुमारी सहित बच्चे भी मास्क में दिखे। साथ है जिलास्तर से जारी आदेश के आलोक में बच्चों को खाने में चावल का पुलाव पड़ोस कर खिलाया गया। पहले दिन केंद्रों में नौनिहालों की उपस्थिति संतोषप्रद रही। केंद्रों में पहुंचे बच्चे खेल खेलते रहे, इससे महीनों बाद केंद्रों में रौनक लौटी। वहीं बच्चों को गर्म भोजन खिलाकर छुट्टी दे दी गई। जिले के सदर प्रखंड सहित अन्य प्रखंडों के केंद्रों पर 50 प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति के साथ केंद्रों का संचालन हुआ।


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