- कुल क्षमता के 50 फीसदी बच्चे ही एक साथ केंद्र पर आयोजित गतिविधियों में ले सकेंगे भाग:
- बच्चों के बीच शारीरिक दूरी का अनुपालन व मास्क का उपयोग सुनिश्चित कराने का होगा प्रयास:
राष्ट्रनायक न्यूज।
कटिहार (बिहार)। जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन सोमवार से फिर से शुरू हो चुका है। विभागीय निर्देश के आलोक में लंबे समयांतराल बाद संचालन शुरू होने से आंगनबाड़ी केंद्रों पर रौनक दिखी। पहले दिन केंद्रों पर बच्चों की उपस्थिति कम देखी गयी। बावजूद इसके केंद्र पर उपस्थित बच्चे बेहद उत्साहित दिखे। केंद्र पर पहुंचने वाले बच्चों को सबसे पहले अपने हाथों की ठीक से सफाई के लिये प्रेरित किया गया। बाद में सेविकाओं के माध्यम से शैक्षणिक व पोषण के प्रति जागरूकता संबंधी गतिविधियों का आयोजन अमूमन सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर किया गया।
सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए होगा केंद्र का संचालन:
जानकारी देते हुए आईसीडीएस डीपीओ बेबी रानी ने बताया कि विभागीय स्तर से 15 नवंबर से पूर्व की तरह आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन का आदेश दिया गया था। इसके आलोक में सभी पूर्व तैयारियों की गयी थी। आंगनबाड़ी केंद्रों पर सफाई का बेहतर इंतजाम सुनिश्चित कराते हुए इसे सैनिटाइज किया गया है। डीपीओ ने कहा कि विभागीय निर्देश के आलोक में सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को 03 से 05 वर्ष के बच्चे व मंगलवार, गुरुवार व शनिवार को 05 से 06 साल के बच्चे केंद्र के माध्यम से संचालित शैक्षणिक व अन्य गतिविधियों में भाग लेंगे। किसी भी केंद्र पर कुल क्षमता का 50 फीसदी अधिक बच्चे उपस्थित नहीं रहेंगे। इसे लेकर केंद्र की संचालिकाओं को विशेष निर्देश दिये गये हैं। इतना ही नहीं बच्चों के बीच शारीरिक दूरी का पालन, मास्क का उपयोग सुनिश्चित कराने को लेकर भी सभी सेविकाओं को निर्देशित किया गया है।
केंद्र आने वाले सभी लोगों के लिये मास्क का उपयोग होगा अनिवार्य:
पोषण अभियान के जिला समन्वयक अनमोल गुप्ता ने बताया कि केंद्रों पर संक्रमण की पहचान व रोकथाम संबंधी सरकारी निर्देश को प्रदर्शित किया गया है। साथ ही सेविका, सहायिका सहित केंद्र पर आने वाले अभिभावकों के लिये मास्क का उपयोग अनिवार्य किया गया है। गर्भवती महिलाएं, अस्वस्थ व 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों का केंद्र पर आने की अनुमति नहीं है। सभी सेविकाओं को इस संबंध में जानकारी दे दी गयी है। बच्चों को केंद्र पर भेजने के इच्छुक अभिभावकों से सहमति पत्र प्राप्त किया गया है। केंद्रों पर प्राथमिकता के आधार पर उन गतिविधियों के आयोजन को प्राथमिकता दिया जाना है। जिसमें बच्चों को एक दूसरे को छूने की जरूरत न पड़े।


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