डॉयचे वेले, दिल्ली, (एजेंसी)। यूनिसेफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि संघर्षों में फंसे पश्चिम और मध्य अफ्रीका के बच्चों को सशस्त्र समूहों द्वारा सबसे अधिक भर्ती किया जाता है. एजेंसी का कहना है कि यहां यौन शोषण के शिकार बच्चों की संख्या भी सबसे अधिक है.रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले पांच सालों में इस क्षेत्र में संघर्ष बढ़े हैं, जिसमें सरकारी बलों और सशस्त्र समूहों द्वारा 21,000 से अधिक बच्चों की भर्ती की गई है. इसके अलावा इस क्षेत्र में 2016 से 2,200 से अधिक बच्चे यौन हिंसा के शिकार हुए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 3,500 से अधिक बच्चों का अपहरण किया जा चुका है, जिससे यह दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा अपहरण वाला इलाका बन गया है. यूनिसेफ के पश्चिम और मध्य अफ्रीका की क्षेत्रीय निदेशक मारी-पियरे पोइयर के मुताबिक, ”संख्या और रुझान बच्चों की वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहद चिंताजनक हैं.” उन्होंने कहा, “न केवल पश्चिम और मध्य अफ्रीका में गुटों द्वारा किए गए बच्चों के खिलाफ गंभीर उल्लंघन हुए, बल्कि हमने पिछले पांच वर्षों में एक उछाल भी देखा है. जिसमें सत्यापित गंभीर उल्लंघनों की कुल संख्या में 50 फीसदी की वृद्धि हुई है” चौंकाने वाली है रिपोर्ट बाल शोषण पर रिपोर्ट संकलित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में 2005 से एक प्रणाली मौजूद है. इन शोषणकारी रिपोर्टों में बाल सैनिकों की भर्ती, बच्चों का अपहरण, स्कूलों-अस्पतालों पर हमले और यौन शोषण शामिल हैं.
यूनिसेफ के मुताबिक वर्तमान में दुनिया भर में शोषित होने वाले चार बच्चों में से एक मध्य या पश्चिम अफ्रीका से है. यूएन का कहना है कि बुरकिना फासो, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कैमरून, चाड, कांगो, माली, मॉरिटानिया और नाइजर जैसे संघर्ष प्रभावित देशों में हिंसा बच्चों और समुदायों के लिए विनाशकारी मानवीय परिणाम साबित हुए. महामारी के साथ स्थिति और बिगड़ी है. रिपोर्ट के मुताबिक 5.7 करोड़ बच्चों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है और संघर्षों के जारी रहने के कारण पिछले वर्ष की तुलना में इस साल ऐसे वंचित बच्चों की संख्या दोगुनी हो गई है. यूएन के मुताबिक कुछ देशों में सशस्त्र संघर्ष एक दशक से अधिक समय से चल रहे हैं, लेकिन तीन नए क्षेत्र चिंता का विषय बने हुए हैं. बुरकिना फासो, कैमरून और चाड में बच्चों को जबरन संघर्ष का हिस्सा बनाया जा रहा है.
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