राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

जागरूकता ही एड्स से बचाव का है कारगर उपाय: सिविल सर्जन

  • असुरक्षित यौन संबंधों की जानकारी रखेगा सुरक्षित : सीडीओ
  • एड्स से ग्रसित लोगों का रखा जाता हैं विशेष ध्यान:
  • साथी एप हेल्पलाइन-1097 से ले सकते है जानकारी:

पूर्णिया (बिहार)। प्रतिवर्ष एक दिसंबर को स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है जिसका उद्देश्य लोगों को एड्स के प्रति जागरूक करना होता है। इसके तहत लोगों को एड्स के लक्षण, इससे बचाव, उपचार, कारण इत्यादि के बारे में जानकारी दी जाती और इसके लिए देश में कई सामाजिक संगठनों के द्वारा अभियान चलाया जाता है| जिससे लाइलाज बीमारी से बचा जा सके और साथ ही एचआईवी एड्स से ग्रसित लोगों की मदद की जा सके। विश्व एड्स दिवस पर राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय स्थित प्रतिरक्षण सभागार में सिविल सर्जन की अध्यक्षता में स्वास्थ्य कर्मियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में सिविल सर्जन डॉ एस के वर्मा द्वारा सभी स्वास्थ्य कर्मियों को एड्स के लिए जागरूकता फैलाने और एड्स संक्रमित व्यक्ति को नियमित रूप से दवा लेने और सतर्क रहने के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया है। बैठक में सिविल सर्जन डॉ एस के वर्मा, डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह, सीडीओ डॉ. मो. सब्बीर, जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. आर. पी. मंडल, डीआईओ डॉ. विनय मोहन, एआरटी प्रभारी पदाधिकारी डॉ. सुभाष कुमार, आहना एफओ गौतम कुमार, प्रभारी जिला आईटीसीटी पर्यवेक्षक बी.एन. प्रसाद, सहित अन्य ITCT, PPTCT, FICPC, STD, ब्लड बैंक, एआरटी सेंटर के सभी कर्मी उपस्थित रहे।

जागरूकता ही एड्स से बचाव का है कारगर उपाय :

सिविल सर्जन डॉ एस के वर्मा ने बताया एचआईवी वायरस से होने वाला एड्स एक लाइलाज बीमारी है जिसके प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल विश्व एड्स दिवस 1 दिसंबर को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। भारत जैसे घने आबादी वाले देश में एड्स से ग्रसित मरीजों की संख्या का कारण यह होता है कि महिला या पुरुषों के द्वारा लापरवाही युक्त व्यवहार यानी सब कुछ जानते हुए भी या तो अंजान बनते हैं और असुरक्षित यौन संबंधों को बढ़ावा देते हैं जो कि एड्स का एक महत्वपूर्ण कारण होता है। इसके अलावा एड्स संक्रमित व्यक्ति का खून लेने से, संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग किए गए सुई का दुबारा इस्तेमाल करने या संक्रमित माता पिता से होने वाले बच्चे भी एचआईवी संक्रमित हो सकते हैं। लोगों को इसके प्रति जागरूक होना  आवश्यक है। इसके लिए सभी लोगों को बिना कंडोम के असुरक्षित यौन संबंध नहीं करना चाहिए जो इस बीमारी की सबसे मुख्य वजह है। सभी गर्भवती महिलाओं को प्रसव के पहले एक बार एचआईवी जांच जरूर करवानी चाहिए ताकि अगर महिला संक्रमित पाई जाए तो होने वाले बच्चे को एड्स से सुरक्षित रखा जा सके। सिविल सर्जन डॉ. वर्मा ने बताया कि एड्स के पर्याप्त इलाज के लिए जिले में एआरटी सेन्टर चलाया जा रहा है जहां से आसपास के पांच जिलों के एड्स पीड़ित व्यक्तियों का इलाज किया जाता है। एआरटी सेन्टर में वर्तमान में 700 से अधिक लोगों का इलाज किया जा रहा है।

असुरक्षित यौन संबंधों की जानकारी रखेगा सुरक्षित:

नोडल अधिकारी सह सीडीओ डॉ. मो. सब्बीर ने बताया कि आज कल के लोगों में खासकर युवा वर्गों में एड्स जैसी बीमारी फैलने का मुख्य कारण यौन शिक्षा का न होना है। असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुई का प्रयोग, संक्रमित रक्त आदि के प्रयोग के कारण होता है। वहीं एचआइवी संक्रमण से रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है जिस कारण गर्भवती महिलाओं के नवजात शिशुओं को भी एचआईवी संक्रमण बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। क्योंकि जन्मजात शिशुओं के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को पूरी तरह खत्म कर देता है। जिससे पीड़ित अन्य घातक बीमारियों जैसे टीबी, कैंसर व अन्य संक्रामक बीमारियों से प्रभावित हो जाता है। एड्स पीड़ित महिला या पुरुष को पहले सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों से चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए।

एड्स से ग्रसित लोगों का रखा जाता हैं विशेष ध्यान:

राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय में संचालित एआरटी सेन्टर के प्रभारी अधिकारी डॉ. सौरभ कुमार ने बताया कि एचआईवी से पीड़ित लोगों की आईसीटीसी /पीपीटीसीटी जांच करायी जाती है| जिन लोगों को एड्स जैसी बीमारी होती है उन्हें एआरटी केंद्र से जोड़ा जाता और अस्पताल से इलाज भी शुरू किया जाता है। एड्स से ग्रसित गर्भवती महिलाओं के प्रसव को लेकर भी अस्पताल प्रशासन हर तरह से तैयार रहता है। खासकर उन नवजात शिशुओं का ख्याल रखा जाता।

साथी एप हेल्पलाइन-1097 से ले सकते हैं जानकारी:

डीपीएम स्वास्थ्य ब्रजेश कुमार सिंह ने कहा कि एचआइवी एड्स के मरीजों या अन्य लोगों को जानकारी के लिए राज्य सरकार के द्वारा साथी एप व 1097 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है| इससे एड्स के संक्रमण के कारणों व बचाव के संबंध में जानकारी ली जा सकती है । इसके साथ ही ‘हम साथी’ मोबाइल एप डाउनलोड कर एड्स से संबंधित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।  यह मोबाइल एप एड्स के प्रति जागरूकता लाने और बच्चों में मां के माध्यम से एड्स के संक्रमण को रोकने के लिए विभिन्न जानकारियां मुहैया कराता है।