- पांच वर्षों में 19.4 प्रतिशत महिलाओं के बीच आयी जागरूकता
- जिले का आंकड़ा राज्य से भी अधिक
- सेनेटरी पैड की जरूरत और महत्व के बारे में जागरूकता आवश्यक
राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। जिले की महिलाएं अपने स्वास्थ्य और खासकर माहवारी के दौरान स्वच्छता के तरीकों (सेनेटरी पैड ) को लेकर काफी जागरूक हुई हैं। सेनेटरी पैड के इस्तेमाल को लेकर सरकार और स्वयंसेवी संस्थाओं के द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है। सरकार का प्रयास अब रंग भी ला रहा है। जिसका सकरात्मक बदलाव भी देखने को मिल रहा है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों के अनुसार अब जिले में 59.0 प्रतिशत महिलाएं माहवारी के दौरान सेनेटरी पैड सहित स्वच्छता के अन्य तरीकों का इस्तेमाल करने लगी हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 4 के अनुसार यह आंकड़ा सिर्फ 40.प्रतिशत था। इस तरह से पांच वर्षों में 19.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अगर राज्य की बात करें तो 58.8 फीसदी महिलाएं अब माहवारी के दौरान सेनेटरी पैड सहित स्वच्छता के अन्य तरीकों का इस्तेमाल करने लगी हैं। इसमें 74.7 फीसदी महिलाएं शहरी क्षेत्र की हैं तो 56 फीसदी महिलाएं ग्रामीण क्षेत्र की। वर्ष 2015-16 में महज 31 फीसदी महिलाएं ही ऐसा कर पाती थीं, जो 2019-20 यानी पांच साल में बढ़कर 58.8 फीसदी हो गया। राज्य सरकार व स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से महिलाओं में अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी सजगता और जागरूकता आई है।
मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बहुत जरूरी:
सदर अस्पताल की महिला चिकित्सक डॉ. आकृति प्रसाद ने बताया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी नित्य नए प्रयोगों के माध्यम से लोगों को स्वस्थ रखने की कोशिश की जा रही है। लेकिन इन सबों के बीच समाज में अभी भी माहवारी स्वच्छता पर चुप्पी कायम है। समाज को एक स्वास्थ्य संदेश देना है कि हमारी मां, बहनें व बेटियां मासिक धर्म के दौरान कैसे स्वच्छ और स्वस्थ रहें। मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बहुत जरूरी होती है। इससे प्रजनन एवं यौन संक्रमण की रोकथाम में मदद मिलती है। माहवारी के दौरान यदि लम्बे समय तक स्वच्छता पर ध्यान नहीं दिया जाये तो बच्चेदानी में संक्रमण पहुंच जाता है। इससे गर्भधारण बाधित या खत्म भी हो सकती है।
सेनेटरी पैड की जरूरत और महत्व के बारे में जागरूकता आवश्यक:
किशोरावस्था में शरीर और मस्तिष्क का विकास तेजी से होता है। इन बदलावों को समझने और उसे सकारात्मक रूप से लेने के लिए किशोरों को सही सलाह की बहुत जरूरत होती है। खासकर 11 से 12 साल की किशोरियों में मासिक चक्र की शुरुआत होने लगती ही। बहुत सारी किशोरियों को माहवारी के दौरान सेनेटरी पैड की जरूरत और महत्व के बारे में सटीक जानकारी नहीं होती है। साथ ही संकोचवश वह इस पर अन्य लोगों से चर्चा भी नहीं कर पाती हैं। यही समय है जब लड़कियों को इस संबंध में उचित सलाह देकर जागरूक किया जाए। इसको लेकर आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं एएनएम द्वारा सामुदायिक स्तर पर किशोरियों एवं महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है।
इन बातों पर दें ध्यान:
- मासिक धर्म स्वच्छता पर संकोच ना करें एवं इस पर खुल-कर बात करें
- सेनेटरी पैड की जगह अन्य कोई असुरक्षित साधन इस्तेमाल ना करें
- माताएं किशोरियों को जानकारी दें
- माहवारी के दौरान असुरक्षित साधन इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए हो सकता है हानिकारक।
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