ज्योतिषचर्या पंडित मैथिली शुक्ल। ।राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। हनुमान जी की आराधना से ग्रहों का दोष शांत हो जाता है। हनुमान जी और सूर्यदेव एक दूसरे के स्वरूप हैं, इनकी परस्पर मैत्री अति प्रबल मानी गई है। इसलिए हनुमान साधना करने वाले साधकों में सूर्य तत्व अर्थात आत्मविश्वास, ओज, तेजस्विता आदि स्वत: ही आ जाते हैं। हनुमानजी की निरंतर भक्ति करने से भूत-पिशाच, शनि और ग्रह बाधा, रोग और शोक, कोर्ट-कचहरी-जेल बंधन से मुक्ति, मारण-सम्मोहन-उच्चाटन, घटना-दुर्घटना से बचना, मंगल दोष, कर्ज से मुक्ति, बेरोजगारी और तनाव या चिंता से मुक्ति मिल जाती है। कहते हैं कि हनुमान जी की कृपा जिस पर बरसना शुरू होती है उसका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है। दस दिशाओं और चारों युग में उनका प्रताप है. जो कोई भी व्यक्ति मंगलवार को उनकी पूजा करता है वह हर संकट से दूर हो जाता है। अपने भय पर काबू पाने के लिए प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। मान्यता है कि कलयुग में हनुमान जी की भक्ति ही लोगों को दुख और संकट से बचाने में सक्षम है।
मंगलवार को बजरंगबली के 12 नाम का स्मरण करने से न सिर्फ उम्र में वृद्धि होती है बल्कि समस्त सांसारिक सुखों की प्राप्ति भी होती है. हनुमानजी अपने भक्तों की दसों दिशाओं और आकाश-पाताल से रक्षा करते हैं. हनुमानजी सर्वशक्तिमान और सर्वोच्च देव हैं. हनुमानजी की कृपा पाने के लिए कुछ तरीकों को अपनाना जरूरी है. इसके लिए सबसे पहले आप अपने घर में हनुमानजी का एक अच्छा से चित्र या मूर्ति स्थापित करें और प्रत्येक मंगलवार उसकी पूजा करें. आइए जानते हैं बजरंगबली की सेवा करने के खास 10 तरीकों के बारे में.
- जब भी इच्छा हो हनुमानजी को चौला चढ़ाएं, बीड़ा अर्पण करें और गुड़ चने का प्रसाद चढ़ाएं.
- ॐ श्री हनुमंते नमः का प्रतिदिन 108 बार जाप करें या साबरमंत्र को सिद्ध करें.
- महीने में एक बार सुंदरकांड और बजरंगबाण का पाठ जरूर करें.
- सिद्ध किया हुआ हनुमानजी का कड़ा पहनें. यह कड़ा पीतल का होना चाहिए.
- हनुमानजी को मंगलवार और शनिवार केसरिया बूंदी लड्डू, इमरती, बेसन के लड्डू, चूरमा, मालपुआ या मलाई-मिश्री के लड्डू का भोग जरुर लगाएं.
- हनुमानजी के साथ ही भगवान राम, लक्ष्मण और सीता माता की भी पूजा अच्छे से करें.
- प्रत्येक मंगलवार को व्रत रखकर विधिवत रूप प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें, वह भी एक ही जगह बैठकर
- प्रतिदिन हनुमानजी के समक्ष तीन कोनों वाला दीपक जलाएं. दीपक में चमेली का तेल जरूर रखें.
- से हनुमानजी की पूजा करें.
- यदि आप घोर संकट से घिरे हैं या आप हनुमानजी की पूर्ण भक्ति करना चाहते हैं तो फिर आपको तामसिक और सभी तरह का व्यवसन त्याग कर ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए प्रतिदिन विधि-विधान से हनुमानजी की पूजा या उनके मंत्र का जाप करना चाहिए।


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