राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

कंगारू मदर केअर तकनीक : शीतलहर में नवजातों के लिए सबसे कारगर

  • कम वजन बाले नवजातों के लिए भी कारगर है कंगारू मदर केअर
  • रोगों के खिलाफ सुरक्षा कवच के लिए स्तनपान जरूरी

राष्ट्रनायक न्यूज।

छपरा (सारण) जिले में  फिलहाल ठंड का असर काही से भी कम होता नहीं दिख रहा है। ऐसे में सभी शीतलहर से परेशान हैं। लेकिन सबसे अधिक परेशानी माताओं के लिए शिशुओं व बच्चों के लालन-पालन में होती है क्योंकि उन्हें शीत जनित कई रोगों से बचाने के लिए अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता पड़ती है। खास कर यदि शिशु का जन्म भी ठंड के इन्ही दो तीन महीनों की बीच (नवंबर- जनवरी ) हुआ है। ऐसे में थोड़ी सी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है, क्योंकि  नवजातों की प्रतिरोधक क्षमता कम रहती है। ठंड के समय बच्चों के शरीर के तापमान को स्थिर रखने के लिए कंगारू मदर केअर बेहद कारगर साबित होता है। वहीं, बच्चों को सुबह और शाम के दौरान घर से बाहर ले जाने से बचना चाहिए। जिससे उन्हें ठंड से बचाया जा सके।

कंगारू मदर केअर देकर दें गर्माहट, सर्दी से होगा बचाव

सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा  ने बताया कंगारू मदर केयर एक ऐसा उपाय है,जिससे ना सिर्फ शिशु का तापमान सही होकर सर्दी से बचाव संभव है बल्कि कम वजन के साथ जन्म लेने वाले शिशु के स्वास्थ में सुधार लाने के लिए अपनाया जाता है।है। इसमें शिशु को माँ के सीने से सीधी पोजीशन में चिपकाकर रखा जाता है। ताकि माँ की शरीर का गर्माहट आसानी से और जल्दी शिशु में स्थानांतरित हो सके। आवश्यकता पड़ने पर माँ के अलावा पिता या शिशु के परिवार के अन्य महिला या पुरुष भी इसी तरीके से नवजात को कंगारू मदर केअर दे सकते हैं।

बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास का होता है निर्माण:

इस तकनीक से  ना सिर्फ नवजातों  को सर्दी और अल्पवजन के कारण होने वाले समस्याओं से निजात दिलाया जा सकता है बल्कि यह शिशुओं के  मानसिक एवं शारीरिक विकास का निर्माण करने में  भी काफी सहयोग करता है। बच्चा जब अपने माँ के नजदीक रहता है तो वह खुद तनावमुक्त महसूस करता है।जिससे बच्चे का स्वस्थ शरीर निर्माण होता है। यह बिना खर्च सबसे अच्छा उपाय है।

छः महीने तक अवश्य करायें स्तनपानः

सिविल सर्जन ने बताया छह माह तक केवल स्तनपान भी इन नवजातों के रोग प्रतिरोधक क्षमता में विकास के साथ उनके लिए ठंड से लड़ने में भी सहायक होता है। शिशुओं को लगातार छः महीने तक उनकी मां का दूध अवश्य मिलना चाहिए। नवजात के शरीर में हो रहे सभी प्रकार के मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए आवश्यक है। इस समय नवजात केवल अपनी माँ के दूध पर ही पूरी तरह निर्भर रहते हैं। इस कोरोना महामारी के दौरान नवजातों की  प्रतिरोधक क्षमता बनाये रखने में भी मां के दूध अहम भूमिका निभाता है। प्रथम पीला गाढ़ा दूध के बाद भी माँ से मिलने वाला दूध नवजात के पोषण की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम रहता है। ऐसे में आवश्यक है कि कोराना महामारी के दौरान यदि बिना किसी बाहरी स्पर्श के मां का दूध नवजातों को मिलता है तो उनके संक्रमित होने की संभावना कम हो जाती है। साथ ही उनका पोषण भी संतुलित रहता है।

You may have missed