संजय कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।
बनियापुर (सारण)। रविवार की सुबह स्वर कोकिला लता मंगेशकर की निधन की सूचना जैसे ही प्रखण्डवसियो को मिली। पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ी। बुजुर्ग से लेकर युवावर्ग तक शायद ही कोई ऐसा होगा। जिसको एक क्षण के लिये शॉक न लगा हो। लता मंगेशकर की गायकी का सभी वर्ग के लोग कायल थें। छह दशक से ज्यादा समय तक लता दीदी ने अपनी गायकी के बल पर फिल्मी दुनिया पर राज किया। साथ ही गायकी को एक नया अयाम भी प्रदान किया। वहीं अपनी काबलियत के बल पर वर्ष 2001 में देश का सर्वोच्च पुरस्कार भारतरत्न भी प्राप्त किया। वहीं फिल्म जगत के सबसे प्रमुख पुरस्कार दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी 1989 में लता दीदी को नवाजा गया। इसके अलावे दर्जनों पुरस्कार लता दीदी के नाम है। लता मंगेशकर की निधन पर पूर्व मुखिया श्रवण कुमार, शिक्षाविद सच्चिदानंद शर्मा, पशुपति सिंह, आदित्य कुमार सिंह सहित दर्जनों लोगों ने दीदी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके आत्मा की शांति के लिये अश्रुपूर्ण नेत्रों से ईश्वर से प्राथना किया। लता मंगेशकर के निधन को फिल्म जगत के लिये अपूरणीय क्षति बताई जा रही है।


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