- निभाई योद्धा की भूमिका, सैकड़ों परिवारों को संक्रमण से बचाया:
- आदिवासी समुदाय में भी टीका लेने के प्रति बढ़ाई सजगता:
मधेपुरा, 8 मार्च।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जिले में मंगलवार को विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ l कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में महिलाओं के विशेष योगदान की बातों की चर्चा हर जगह की गई। जिले में कोरोना अवधि के दौर की बात की जाए तो बाल विकास परियोजना की महिला कर्मियों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। जहां एक तरफ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने शुरुआती समय में लोगों को मास्क के उपयोग एवं साबुन के इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया वहीं दूसरी तरफ कोविड के दूसरे एवं तीसरे चरण में लोगों को बीच टीकाकरण को लेकर सराहनीय योगदान दिया है।
अलग अलग भूमिकाओं में दिखती रहीं सेविकाएं:
ज्ञात हो कि ग्वालपाड़ा प्रखंड के शाहपुर पंचायत में रहने वाले आदिवासी समुदाय को जागरूक करने में इसी समुदाय की आंगनबाड़ी सेविका मुन्नी हेंब्रम एवम् ज्योति हेंब्रम ने अपना अहम योगदान दिया है। इन समुदाय के लोगों को टीका लगाने वाली आशा रुक्मिणी कुमारी के अनुसार, शुरुआत में आदिवासी समुदाय के लोग टीका लगवाने में झिझक रहे थे। उन्होंने बताया, जैसा कि शुरुआती दौर में टीके को लेकर कई अफवाहें एवम् भ्रांतियां फैली थी। इसका असर ग्रामीण इलाकों में हुआ था। फर्जी सोशल मीडिया पोस्ट और व्हाट्सएप के जरिए फैलाई जाने वाली अफवाहों ने लोगों के अंदर डर बिठा दिया था, तो वे टीका नहीं लगवाना चाहते थे। लेकिन आदिवासी समुदायों के बीच काम करने वाले दोनों आंगनबाड़ी सेविकाओं से मदद ली गई थी और अब शाहपुर पंचायत के आदिवासी समुदाय के लोगों का टीकाकरण संभव हो पाया।
सुखासन की निर्मला ने सैकड़ों परिवार को संक्रमण से किया सुरक्षित:
बीते कोराना काल में सुखासन पंचायत के वार्ड संख्या 9, केंद्र संख्या – 149 की सेविका निर्मला कुमारी ने सराहनीय कार्य कर सैकड़ों परिवार को कोरोनावायरस के संक्रमण से सुरक्षित किया। मधेपुरा जिला बाल विकास परियोजना की जिला पोषण समन्वयक अंशु कुमारी बताती हैं कि जिस समय लोग अपने घरों से निकलने से डरते थे उस दौरान भी निर्मला अपने पंचायत क्षेत्र में भ्रमण कर लोगों के बीच मास्क व साबुन के वितरण का कार्य किया। निर्मला खुद भी संक्रमित हुई मगर ठीक होकर फिर से क्षेत्र में कार्य करने लगी। टीकाकरण की शुरआत से लेकर अभी तक निर्मला ने सैकड़ों परिवारों को कोविड -19 टीकाकरण के तहत आच्छादित करने का सराहनीय कार्य किया है। निर्मला अपने परिवार की देख – रेख के साथ साथ अपने कार्य के दायित्वों को भी बखूबी निभाया है। इस सेविका के अलावा भी जिले की अन्य दर्जनों सेविकाएं कोरोना की शुरुआती समय से लगातार अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाती आ रही है जो एक मिसाल है।
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