राष्ट्रनायक न्यूज।
रसूलपुर (सारण)। प्रख्यात साध्वी किरण प्रज्ञा के संगीतमय प्रवचन में भक्ति रस की धारा प्रवाहित है। जिसमें अतरसन गांव सहित आसपास के कई गांव के श्रद्धालु भक्ति रस में गोते लगा रहे हैं। बालेश्वरनाथ बाला सिद्ध मंदिर में आयोजित नव दिवसीय शिवशक्ति महायज्ञ के पांचवे दिन प्रवचन करतीं साध्वी किरण ने धनुष यज्ञ प्रसंग की प्रस्तुति के दौरान भक्त श्रद्धालुओं को अपने भजनों से झुमाया। प्रज्ञा ने संगीतमय प्रवचन के दौरान कहा कि भगवान राम के चार प्रकार से विवाह हुआ।प्रथम फुलवारी मिलन को प्रेम विवाह ,धनुष भंजन को प्रण विवाह, जयमाल विवाह और फिर मंडप में सिंदूर दान विवाह कहलाता है।प्रवाचिका किरण ने कहा कि रामकथा श्रवण हमें दैनिक जीवन में आये समस्याओं का राह बताता है। साध्वी किरण प्रज्ञा ने कहा कि प्रेम के बिना भक्ति की कल्पना बेमानी है।रामचरित मानस की चौपाई ‘मिलही न रघुपति बिनु अनुरागा, किए जोग तप ज्ञान विरागा’ की विस्तार से श्रद्धालुओं के बीच रखा और कहा कि प्रेम से भक्ति हो तो भगवान खुद बखुद भक्त के पास पहुंच जाते हैं।वेद शास्त्र गवाह हैं कि आज तक किसी भी भक्त को भगवान के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ी बल्कि भगवान खुद भक्त के घर पहुंच जाते हैं।संगीतमय प्रवचन में सैकड़ों की संख्या में उपस्थित ग्रामीण श्रद्धालु प्रज्ञा के मधुर स्वर में गाये जा रहे भजन के रस में गोते लगा रहे हैं। तबले पर चंदन जी, पैड पर संजय शास्त्री, की बोर्ड वादन के साथ सह गायन सारंग भूषण व डा कुम कुम जी कर रही हैं। जिसे देख सुन कर श्रद्धालु झूमते नजर आ रहे हैं।


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