राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

टीबी उन्मूलन को लेकर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर सीएचओ द्वारा किया जा रहा जागरूक: सीडीओ

  • टीबी जैसी बीमारी को जड़ से मिटाने में बच्चों की भूमिका महत्वपूर्ण: एसटीएस
  • हाथों की गंदगी के कारण फैलता है संक्रमण: प्रधानाध्यापक

राष्ट्रनायक न्यूज।

पूर्णिया, 06 अप्रैल। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा वर्ष-2025 तक यक्ष्मा के उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसको लेकर ज़िले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर पदस्थापित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से विभिन्न तरह के आयोजन किये जा रहे हैं। प्रभारी सिविल सर्जन सह जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ मोहम्मद साबिर ने बताया कि ज़िले के विभिन्न स्कूलों में स्कूली बच्चों एवं उपस्थित समूह को जागरूक किया जा रहा है। वहीं  क्षयरोग (टीबी) से बचाव एवं सुरक्षित रहने के लिए बच्चों से अपील की जा रही है। उन्हें यह बताया जाता है कि टीबी संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है। इसके मरीज़ों से कम-से-कम एक मीटर की दूरी बनाकर रहना चाहिए। टीबी के मरीज़ों को हर समय अपना चेहरा मास्क या अन्य कपड़े से ढके रहना चाहिए। अपने परिवार या बाहर के लोगों से दूरी बनाते हुए अपने कार्यो को निबटाना चाहिए। वैसे घर से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है लेकिन बहुत ज्यादा आवश्यकता होने के बाद अगर कहीं जाना पड़ा तो भीड़-भाड़ वाली जगहों पर सुरक्षित एवं एक समान दूरी बना कर अपने कार्यो को निष्पादित करना चाहिए।

टीबी को जड़ से मिटाने में बच्चों की भूमिका महत्वपूर्ण: एसटीएस

वरीय उपचार पर्यवेक्षिका (एसटीएस) पूजा कुमारी ने बताया क्षयरोग  को लेकर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों एवं ग्रामीण स्तर पर पंचायतीराज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित कर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ताकि आने वाले 2025 तक स्थानीय स्तर ही नही बल्कि ज़िले एवं राज्य, देश से टीबी जैसे संक्रमण को जड़ से मिटाया जा सके। क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) के द्वारा विभिन्न स्कूलों में बच्चों के बीच विभिन्न तरह के आयोजन कर जागरूक किया जा रहा है। क्योंकि जब तक बच्चे जागरूक नही होंगे तब तक कोई भी कार्य सफ़ल नहीं हो सकता है। संक्रमण से फैलने वाली बीमारी टीबी से बचाव के लिए लक्षण दिखने के साथ ही सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों के पास जाकर चिकित्सीय सलाह के बाद जांच या उपचार करना बहुत जरूरी होता हैं।

टीबी के मरीजों से दूरी बनाते हुए अपने कार्य करना चाहिए: सीएचओ

डगरुआ प्रखण्ड क्षेत्र के मथौर गांव स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) अभिषेक कुमार झा एवं कंहरिया गांव स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की सीएचओ प्रियंका कुमारी ने संयुक्त रूप से बताया कि स्थानीय गांव के मिडिल स्कूल के प्रधानाध्यापक, शिक्षक एवं स्कूली बच्चों द्वारा आसपास के इलाकों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से रैली निकाली गयी। इसके बाद बच्चों के बीच क्विज़ प्रतियोगिता के साथ ही चित्रकला के माध्यम से जागरूक किया गया। प्रतियोगिता में अव्वल आने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया गया। वहीं सभी प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। क्योंकि लगभग 50 बच्चों ने क्विज़ एवं चित्रकला में बेहतर प्रदर्शन करते हुए अपने स्कूल का मान बढ़ाया है। स्कूली बच्चों के बीच टीबी जैसी बीमारियों से बचाव के लिए हैंडबिल का वितरण किया गया। स्कूली बच्चों द्वारा कम से कम पांच लोगों को संक्रमण से संबंधित जागरूक करने की जिम्मेदारी दी गई है।

हाथों की गंदगी के कारण फैलता है संक्रमण: प्रधानाध्यापक:

मथौर स्थित मिडिल स्कूल के प्रधानाध्यापक अरुण कुमार मंडल ने बताया कि मेरे स्कूल के सभी बच्चों ने संकल्प के रूप में खाना खाने के समय अपने हाथों को रगड़-रगड़ कर धोने जैसा संकल्प लिया और अपने परिवार के अन्य सदस्यों को भी जागरूक करने का वचन दिया है। क्योंकि हाथों की गंदगी के कारण कई तरह की बीमारियों का ख़तरा मंडराता है। किसी भी तरह की बीमारियों से लड़ने के लिए स्वच्छता बहुत ज्यादा जरूरी होता है। सबसे खास यह है कि टीबी जैसी बीमारियों से लड़ने के लिए सामाजिक दूरी अपनाते हुए सभी को अपना-अपना कार्य करना चाहिए। क्योंकि टीबी जैसी बीमारी से बचाव या सुरक्षित रहने के लिए जागरूक होना जरूरी होता है। स्कूली बच्चों के द्वारा सुबह में जागरूकता रैली निकाली गयी तो दिन में क्विज़ एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सफल प्रतिभागियों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रोत्साहित किया गया।