- गुरूवार को दलित बस्ती में हुई थी वृद्ध की मौत
- दलित बस्ती में रास्ता के लिए हुआ जातिवादियों ने किया सितम्ब 2021 में किया था मारपीट
छपरा(सारण)। देश में आजादी के 75 साली बीतने पर आजादी का अमृत महोत्वसव मनाया जा रहा है और विश्वगुरू बनने की बात कही जा रही है तो दूसरी तरफ जातिवाद, छुआ-छुत अभी भी बरकरार है। इसका नजारा गड़खा थाना क्षेत्र के जलाल बसंत पंचायत के नारायणपुर महादलित बस्ती यानी रविदास बस्ती में स्पष्ट रूप से देखने को मिला है, जहां रविदास समाज के एक वृद्ध की मौत होने के बाद गांव के आस-पास के जातिवादियों ने रास्ता रोक दिया और शव यात्रा भी नहीं निकलने दे रहे थे। इस पर महादलित बस्ती के लोगों ने गड़खा थाना पुलिस, अंचलाधिकारी यानी सीओ से गुहार लगाया। जब उचित कार्रवाई नहीं हुई तो जिलाधिकारी राजेश मीणा एवं सदर एसडीएम अरूण कुमार सिंह से मोबाइल पर शिकायत की। इसके बाद स्थानीय पुलिस व अंचलाधिकारी हड़कत में आये। और दूसरे दिन शुक्रवार को करीब 11 बजे महादलित बस्ती से शव यात्रा को निकलवाया गया।
सीओ व अंचलाधिकारी गांव में किया कैम्प, फिर रास्ता रोकने वाले ने किया विरोध, दूसरे दिन गांव से निकला शव यात्रा
नारायणपुर महादलित बस्ती के किशुन राम की मौत गुरूवार को शाम चार बजे हो गई। जिसकी सूचना जातिवादियों को मिलने पर शव यात्रा नहीं निकलने देने के लिए रास्ता को बंद कर दिया। इस पर मृतक के पुत्र अर्जुन राम ने गड़खा थाना में आवेदन दिया है। जिसके करीब दो घंटे बाद गांव में जाकर अपना कोरम पुरा कर दिया। लेकिन बस्ती से शव यात्रा निकालने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। जिस पर शुक्रवार को गांव के लोगों ने जिलाधिकारी एवं सदर एसडीएम को मोबाइल पर फोन कर घटना की सूचना दिया है। तो प्रशासन हड़कत में आयी और गड़खा थाना पुलिस एवं अंचलाधिकारी को गांव में जाकर शव यात्रा निकलाने के लिए प्रयास किया। तब शुक्रवार को करीब 11 बजे दिन में गांव से शव को निकालकर श्मशान घाट ले जाया गया।
पुलिस की मौजूदगी में निकले शवयात्रा के समय भी जातिवादियों ने किया गाली-गलौज, मुकदर्शक बनी रही पुलिस
गड़खा थाना क्षेत्र के नारायणपुर दलित बस्ती में वृद्ध की मौत के बाद गांव के आस-पास के जातिवादी सामंती लोगों ने रास्ता रोक दिया। जिसकी सूचना जिलाधिकारी को मिलने के बाद शव यात्रा निकालने के लिए निर्देश दिया गया। शव यात्रा निकालने के लिए पुलिस एवं अंचलाधिकारी गांव में गये हुए थे। लेकिन जातिवादियों को इनसे कोई डर नहीं था। जातिवादी, सामंती लोग तो पलिस प्रशासन की मजबूरी से रास्ता तो खोल दिया लेकिन जैसे हीं महादलित बस्ती से शव यात्रा शुरू हुआ जातिवादी मानसिकता के लोग पुलिस प्रशासन के सामने हीं गाली-गलौज एवं अभद्र व्यवहार करने लगे। लेकिन पुलिस मुकदर्शक बनी रही और कोई कार्रवाई नहीं की।
शवयात्रा का वीडियो बनाने पर पुलिस से दलितों के साथ किया गाली-गलौज व अभद्र व्यवहार, मोबाइल भी छिना
नारायपुर दलित बस्ती से मृत वृद्ध की शव यात्रा के दौरान जातिवादी मानसिकता के लोग गाली-गलौज कर रहे थे। जिसका दलित समुदाय के लोग वीडियो बनाने लगे। जिस पर पुलिस गाली-गलौज करने वाले लोगों को रोकने के बजाय दलितों पर अत्याचार शुरू कर दिया और वीडियों बना रहे दलित युवको से अभद्र व्यवहार एवं गाली-गलौज करते हुए मोबाईल छिन लिया तथा सभी वीडियों को डिलीट कर दिया। पुलिस का इतने से ही मन नहीं भरा और मोबाइल भी लेकर जा रही थी। जिसका दलित ग्रामीणों ने विरोध किया तो पुलिस मोबाइल लौटायी।
दलित ग्रामीणों का आरोप- गड़खा थाना पुलिस जातिवादियों से मिलकर नहीं करती है कार्रवाई
नारायणपुर गांव के अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों का कहना है कि पुलिस रास्ता रोकने वाले जातिवादियों से मिली हुई है। जिसके कारण अत्याचार करने वाले पर कार्रवाई नहीं करती है। उनका कहना है कि अत्याचार करने वाले समुदाय के हीं गड़खा थानाध्यक्ष है। जिससे उनका अपने समुदाय के प्रति झुकाव अधिक रहता है और जानबुझ का कार्रवाई नहीं करती है। आलम ये है कि गांव से पुलिस जाती है फिर जातिवादियों द्वारा रास्ता को रोक दिया जाता है। उनका कहना है कि दलित बस्ती का रास्ता रोकने, मारपीट एवं एससी-एसटी एक्ट के केस में आरोपियों को गिरफ्तार करने के बजाये पुलिस के विमर्श पर कोर्ट में समर्पण किये।
दलित बस्ती में रास्ता को लेकर हुआ है मार-पीट, दर्ज है केस
नारायणपुर महादलित बस्ती के करीब सात माह से रास्ता को लेकर विवाद चल रहा है। गांव के आस-पास के जातिवादी दलितों का रास्ता रोक दिया है। इसको लेकर 23 सितम्बर 2021 को मारपीट हुई। जिसमें करीब आधा दर्जन लोग घायल हुए थे। जिसका गड़खा थाना में अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत केस संख्या 656 दिनांक 23 सितंबर 2021 दर्ज है। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया तथा नौ आरोपी व्यवहार न्यायालय में समर्पन कर दिया। जेल से छुटने के बाद सभी आरोपी आक्रोशित होकर महादलित बस्ती के चारो तरफ का रास्ता पुरी तरह से रोक दिया।
इन लोगों पर रास्ता रोकने, मारपीट करने एवं एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज है केस
गड़खा थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव के महादलित बस्ती में रास्ता रोकने को लेकर विवाद में रास्ता रोकने, मारपीट करने एवं एससी-एसटी एक्ट सहित अन्य भादवि के सुसंगत धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है। जिसमें पवन कुमार राय, बिट्टु कुमार राय, मुन्ना कुमार राय, अखिलेश राय, कुन्दन कुमार राय, मोती लाल राय, जवाहिर राय, लक्ष्मण राय, बहारन राय, योगेन्द्र राय, चन्देश्वर राय, सुखदेव राय, लालमोहन कुमार राय, राजकिशोर राय, धनेश्वर राय, श्रवन राय, पारस राय, राकेश कुमार राय पर एफआईआर दर्ज किया गया है। जिनमें घटना के बाद दो लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस जेल भेज दी थी। नौ लोग सिविल कोर्ट में समर्पन किया था और भी सात आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं की है।


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