संजय कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।
बनियापुर (सारण)। बिगत चार-पांच दिनों से पुरवा हवा चलने और सुबह-शाम आसमान में बादल छाये रहने से किसानो को गेहूँ की दौनी करने में काफी मुश्किलो का सामना करना पड़ रहा है।फिलवक्त गेहुँ की कटनी का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। पशुपति राय, मदन सिंह, अर्जुन राम, उमेश राम, जितेन्द्र साह,जमादार महतो सहित दर्जनों किसानो ने बताया की इस बार मौसम प्रतिकूल होने के कारण गेहूँ की दौनी करने में समान्य मौसम की अपेक्षा काफी अधिक समय लग रहा है।इस वजह से अतिरिक्त राशि खर्च करनी पर रही है। सामान्यतः गेहूँ की दौनी के लिये पछुआ हवा का चलना अनुकूल माना जाता है।किसानो की माने तो पछुआ हवा चलने के दौरान ट्रैक्टर चलित थ्रेशर से औसतन 50- 60 बोझा प्रति घंटे दौनी की जाती है। मगर लगातार पुरवा हवा चलने से गेहूँ के पौधों में नरमाहट होने को लेकर प्रति घंटे महज 20-25 बोझा ही दौनी हो पा रही है। जिसके वजह से किसानो को दुगुनी से भी अधिक राशि खर्च करनी पड़ रही है।
पुरवा हवा चलने से थ्रेशर संचालको की बल्ले-बल्ले:
इस बार दौनी की सीजन में थ्रेशर संचालको की बल्ले-बल्ले है।मौसम के बिगड़े रुख को देख किसान घंटे की परवाह किये बगैर रातो- दिन मजदूर और परिजनों के साथ मिलकर जल्द से जल्द दौनी कार्य निबटाने में जुटे है। इस बीच मौसम बिभाग द्वारा सूबे के कई जिलों में आंशिक बारिस की संभावना भी जताई गई है। ऐसे में किसानो को इस बात का भय सता रहा है की कही बारिश हुई तो सब किये-धरे पर पानी फिर जायेगा। ऐसे में अधिक समय तक दौनी संचालित होने और प्रति किसान गत वर्ष की तुलना में अधिक समय लगने से थ्रेशर संचालको को अच्छी आमदनी हो रही है। किसानो ने बताया की गत वर्ष की अपेक्षा इस बार ट्रैक्टर चालको द्वारा प्रति घंटे रकम भी बढ़ा दी गई है। जहाँ गत वर्ष प्रति घंटे 600- 700 रुपये की दर से दौनी का कार्य हो रहा था। वही इस बार 800-900 की दर से प्रति घंटे दौनी कार्य हो रहा है।


More Stories
सारण के सांसद रूडी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की हुई बैठक, विकास योजनाओं पर हुई चर्चा
कार्यपालक सहायकों ने स्थायीकरण की मांग को ले दी चरणबद्ध आंदोलन व अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
चुनाव आयोग की मनमानी और अलोकतांत्रिक कार्रवाई के विरुद्ध सी पी आई(एम) ने निकाला प्रतिरोध मार्च, डीएम को ज्ञापन सौंपा