राष्ट्रनायक न्यूज।
मांझी (सारण)। प्रखंड के एकडेंगवा गांव में नवनिर्मित मंदिर में श्री राधे-कृष्ण मूर्ति स्थापना सह प्राण-प्रतिष्ठा महायज्ञ आरम्भ होने के बाद पूरा वातावरण भक्तिमय बन गया है। मंगलवार को आचार्य शंकर दयाल तिवारी व पंडित संजय चतुर्वेदी के देखरेख में विधिवत अन्नाधिवास की विधि सम्पन्न हुई। वहीं बड़ी संख्या जुटे श्रद्धालुओं ने मंदिर की परिक्रमा व पूजा-अर्चना की। वहीं अयोध्या से पधारे कथा-वाचक पंडित हरेंद्र शास्त्री ने श्रीकृष्ण भगवान के जन्म व बाल-लीला, माखन-चोरी आदि का मनोहारी वर्णन किया।पंडित शास्त्री ने पूतना के आध्यत्मिक रहस्य की चर्चा करते हुए कहा कि पूतना वासना है वहीं श्रीकृष्ण उपासना है। कृष्ण के धरती पर जन्म लेते हीं पूतना प्रकट हो जाती है। पूतना जहां काम, क्रोध, मद,लोभ आदि की प्रतीक है। वहीं श्रीकृष्ण उसका विनाश कर संसार का कल्याण करने वाले हैं। पूतना पहले सुंदर रूप धारण करके प्रकट होती है। बाद में जब अपना क्रूर रूप दिखाती है तो श्रीकृष्ण उसका वध कर देते हैं। प्रतिदिन शाम को श्रोता-दर्शक मंत्र-मुग्ध होकर कथा-अमृत का रसास्वादन कर रहे हैं। यज्ञ में आस-पास के गांवों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। डॉ सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि 27 अप्रैल को नगर-भ्रमण व शयाधिवास व 28 अप्रैल को मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा व विशाल भंडारे के साथ महायज्ञ सम्पन्न होगा।


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