संजय कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।
बनियपुर (सारण)। प्रति वर्ष 30 अप्रैल को बाल श्रम उन्मूलन दिवस मनाया जाता है।जो समाज मे यह संदेश लेकर आता है कि 14 बर्ष से कम उम्र के बच्चो से पठन-पाठन के अलावे किसी अन्य प्रकार का शारीरिक श्रम करवाना कानूनन दंडनीय अपराध है।यदि कोई व्यक्ति अथवा नियोजक बच्चों से काम लेता है,तो उसके विरुद्ध बाल एवं किशोर श्रम अधिनियम के तहत कारवाई का प्रवधान है।मगर ऐसा होता दिख नही रहा है।प्रायः होटलों,कबाड़ दुकानों,साइकल और मोटरसाइकिल रिपेयरिंग दुकानों पर धड़ल्ले से कम उम्र के बच्चों से काम लिया जा रहा है।जहाँ संचालकों में कानूनी सख्ती का कोई भय नही दिखता है।इस मामले में किसी भी संचालक पर करवाई नही होने से इन बच्चों का भविष्य अधर में दिख रहा है।हालांकि बाल श्रम के मामले में अभिभावक भी बराबर के जिम्मेवार है।चंद पैसों के लिये अभिभावक कम उम्र के बच्चों से भी कम करवाने के लिये इधर-उधर भेजने से गुरेज नही करते है।नतीजतन इन बच्चों का भविष्य चौपट होते जा रहा है।बच्चे देश के भविष्य है।ऐसे में सरकार और तंत्र के द्वारा इसपर सख्ती बरतने की जरूरत है।प्रबुद्ध लोगों ने इस विषय पर बातचीत के क्रम में बताया कि शिक्षा का अधिकार कानून लागू है।जो महज कागजों तक सिमटता नजर आ रहा है।गांव कस्बों में कम उम्र के बच्चें अपने पेट की आग बुझाने के लिये सुबह-सुबह कूड़ा चुनते,भीख माँगते,होटलों में बर्तन धोते और ईंट भट्ठा पर काम करते आसानी से दिख जाते है।जहाँ सरकारी दावे फेल नजर आते है। इन मासूमों को न तो राइट टू एजूकेशन के बारे में कुछ पता है, न ही बाल मजदूरी के बारे में।इन बच्चों से भीख मांगने और कबाड़ चुनने के दौरान बात करने पर बच्चों ने कुछ भी बोलने से इंकार करते हुए किनारा करना ही बेहतर समझा।
फोटो (सुबह-सुबह कबाड़ चुनने के लिये जाता बच्चा)।


More Stories
सारण के सांसद रूडी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की हुई बैठक, विकास योजनाओं पर हुई चर्चा
कार्यपालक सहायकों ने स्थायीकरण की मांग को ले दी चरणबद्ध आंदोलन व अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
चुनाव आयोग की मनमानी और अलोकतांत्रिक कार्रवाई के विरुद्ध सी पी आई(एम) ने निकाला प्रतिरोध मार्च, डीएम को ज्ञापन सौंपा