राष्ट्रनायक न्यूज

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भारत के अंदर जब भी शौर्य और पराक्रम की बात आती है तो महाराणा प्रताप का नाम हर जुबान पर आ जाता है: चंदेल

प्रो0 संजय पाण्डेय। राष्ट्रनायक न्यूज।

छपरा (सारण) महाराणा प्रताप  की 483 वी जयंती धूमधाम के साथ मनाई गई। इस मौके पर वक्ताओं ने उनके जीवन संघर्ष पर विचार रखे और उनकी वीरगाथा सुनाई। जिला स्कूल नवस्थापित छपरा के भवन में कार्यक्रम आयोजित कर सबसे पहले उनके चित्र पर माल्यार्पण कर याद किया गया। इस अवसर पर भारतीय शिक्षण मण्डल के प्रदेश सह मंत्री  सह शिक्षक नेता विश्वजीत सिंह चंदेल ने कहा कि अकबर नहीं सही मायने में महाराणा प्रताप द ग्रेट हैं। उन्होंने कहा कि शिरोमणि महाराणा प्रताप को जाति, पंथ और मजहब में नहीं बांधा जा सकता। उन्होंने सभी वर्गों को साथ लेकर स्वाधीनता की लड़ाई लड़ी, लेकिन इतिहासकारों ने वीरों से भेदभाव किया।भारत के अंदर जब भी शौर्य और पराक्रम की बात आती है तो मध्यकाल में महाराणा प्रताप का नाम हर जुबान पर आ जाता है ।इन महापुरुषों ने देश के लिए जीवन जिया था।महाराणा प्रताप ने अभावों की चिंता किए बिना विपरीत परिस्थितियों में रहते हुए भी अकबर के विशाल साम्राज्य को चुनौती दी थी। उन्होंने मेवाड़ के सभी गढ़ व किलों को मुगलों से वापस लेकर भारत के शौर्य और पराक्रम का लोहा दुनिया के सामने मनवाया था।कुछ लोग अपने स्वार्थ में समाज को जातियों में बांटने में लगे हैं। यह खुद की मजबूती के लिए समाज को कमजोर करने की साजिश है। लोगों को सच बताने और विराट समाज से जोड़ने की जरूरत है। महाराणा प्रताप को स्वदेश, स्वधर्म और स्वाभिमान की प्रतिमूर्ति हैं।समाज को कैसे जोड़ते हैं, महाराणा प्रताप इसकी मिसाल हैं। उनका जज्बा वर्तमान परिस्थितियों में और भी प्रासंगिक है। हल्दी घाटी की जीत या हार महत्वपूर्ण नहीं है। उससे महत्वपूर्ण है हल्दी घाटी और उसके बाद अरावली की पहाडिय़ों व जंगलों में देश की आन-बान और स्वाभिमान के लिए जो लंबा संघर्ष चला उसमें प्रताप के साथ कौन थे। वही वनवासी जिनको हम आज वंचित तबके का मानते हैं। इस तबके में आज भी देश प्रेम का जज्बा कूट-कूट कर भरा है।भविष्य की इमारत अतीत के नींव पर बनती है। गौरवशाली अतीत आगे बढऩे की प्रेरणा देता है। जरूरत इस बात की है कि हम लोगों को महाराणा प्रताप के कृतित्व और व्यक्तित्व की सही जानकारी दें। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामबाबू सिंह ने किया। वही संचालन सौरभ कुमार गोलू ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रशांत बजरंगी ने किया। इस अवसर पर रबिन्द्र सिंह कुणाल सिंह, सीनेट सदस्य नवलेश सिंह, दिनेश सिंह रौशन सिंह,प्रमेन्द्र कुमार सिंह ने भी संबोधित किया।