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सारण में 225 एकड़ में बीज उत्पादन के लिए चलता है आठ कृषि फार्म, कई फार्मो के अधिकतर भूमि पर दबंगों का अवैध कब्जा, विभाग मौन

सारण में 225 एकड़ में बीज उत्पादन के लिए चलता है आठ कृषि फार्म, कई फार्मो के अधिकतर भूमि पर दबंगों का अवैध कब्जा, विभाग मौन

  • किसानों को पता तक नहीं कहां चल रहा फार्म, अफसर कह रहे फार्म में बीज का होता है उत्पादन
  • दो अनुमंडल में विभाजित है आठ कृषि फार्म
  • उत्पादित बीज बिहार राज्य बीज निगम को होती है आपूर्ति

छपरा(सारण)। किसानों को उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराने को लेकर सरकार द्वारा कृषि विभाग के माध्यम से बीज गुणन प्रक्षेत्र यानि कृषि फार्म का संचालन किया जाता है। इसके तहत जिले में दो अनुमंडल के तहत आठ कृषि फार्म संचालित किया जाता है। एक कृषि फार्म की 25 एकड़ भूमि में चलता है तथा बड़ा फार्म 50 एकड़ भूमि में चलता है। जी हां ये जानकर आश्चर्य जरूर होगा, परंतु यही व्यवस्था की सच्चाई है। कृषि फार्म में हो रहे बीजों के उत्पादन के बारे में अधिकतर किसानों को जानकारी तक नहीं है कि कृषि विभाग द्वारा कहां पर कृषि फार्म यानि बीज गुणन प्रक्षेत्र का संचालन किया जाता है। लेकिन विभाग के कागजी फाइलों में जिले के छपरा व मढ़ौरा अनुमंडल में आठ कृषि फार्म का संचालन किया जाता है। इन फार्मो पर बीज का उत्पादन करने के लिए दो हलदर व एक फार्म प्रभारी को तैनात किया गया है। विभाग के अफसरों की माने तो फार्म से प्रत्येक फसल के सीजन में सैकड़ों क्वींटल गेहूं, धान, अरहर, सरसों, मसूर आदी के बीजों का उत्पादन कर बिहार राज्य बीज निगम को भेजा जाता है। जिसे बीज निगम प्रमाणित कर डीलर के माध्यम से किसानों को मुहैया कराया जाता है। मिली जानकारी के अनुसार कृषि फार्म की समुचित देखभाल के अभाव में स्थानीय दबंगों द्वारा अधिकतर भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया गया है। लेकिन भूमि से कब्जा मुक्त कराने को लेकर अभी विभागीय स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सबसे आश्चर्य की बात है कि फार्म पर बीज उत्पादन के बजाये अधिकतर भूमि पर उन्नत किस्म के खरपतवार लहलहा रहे है। ऐसे कृषि फार्म से उत्पादित बीजों से किसानों को कितना उन्नत पैदावार होता होगा यह बड़ा अहम सवाल है। इन फार्म के कर्मियों द्वारा किस तकनीक से बीज का उत्पादन किया जाता होगा यह आम लोगों को समझना मुश्किल नहीं है।

 

कृषि फार्म के जमीन पर दबंगों का है जबरिया कब्जा, विभाग मौन

 

जिले के छपरा सदर व मढ़ौरा अनुमंडल में स्थित आठ कृषि फार्म के दजर्नो एकड़ जमीन पर स्थानीय दबंगों ने अवैध कब्जा कर लिया है। कई फार्म के जमीन को दूसरे विभागों को भी दे दिया गया है। जानकारी के अनुसार गड़खा, सोनपुर, मढ़ौरा, एकमा सहित कई फार्मो के जमीन पर स्थानीय दबंगों द्वारा अवैध कब्जा कर लिया गया है। स्थानीय लोग बताते है कि अधिकारियों के नहीं रहने या नियमित रूप से नहीं आने के कारण फार्म के किनारे की जमीन पर कई लोग कब्जा कर खेती व अन्य कार्य कर रहे है। विभागीय उदासीनता के कारण फार्म की उपजाऊ और कीमती जमीन अपनी उपयोगिता की खोती जा रही है। फलतः जिस उदेश्य से वर्षों पूर्व जमीन अधिग्रहित किया गया था वह उद्देश्य आज भी भटका हुआ प्रतीत होता है।

 

इन अनुमंडलों में चलता है आठ कृषि फार्म-

 

जिल के सदर छपरा अनुमंडल में चार कृषि फार्म यानि बीज गुणन प्रक्षेत्र का संचालन किया जाता है। इनमें दरियापुर (हरिहरपुर), गड़खा (कुचांव), सोनपुर (दुधैला) व एकमा (मुकुंदपुर) में है। इन फार्मो में सबसे अधिक करीब 50 एकड़ भूमि दरियापुर (हरिहरपुर) में है। वहीं मढ़ौरा अनुमंडल के बनियापुर, मसरक, मढ़ौरा, व तरैया (रामकोला) में कृषि फार्म है।

 

8 कृषि फार्म के 49 हेक्टेयर में बीज का होगा उत्पादन (हेक्टेयर में) –

 

फार्म का नाम    गेहूं       मसूर      राई/सरसों       अरहर

हरिहरपुर        08       05       02            00

गड़खा          04       00       03            00

सोनपुर         03       00       00            00

एकमा          04       00       00            00

मढ़ौरा          02       1.5       01            1.5

बनियापुर        2.5       02       2.5            00

तरैया          01       00       03            00

मसरक         01       02       00            00

 

 

क्या है कृषि फार्म का कार्य-

जिले के आठ कृषि फार्म में सरकार द्वारा प्रायोजित बीज का उत्पादन गुणवता पूर्ण तरीके से किया जाता है। फार्म में रबी और खरीफ फसल के बीज तैयार किया जाता है। इस फार्म से उत्पादित बीज को बिहार राज्य बीज निगम को भेजा जाता है। निगम द्वारा इन बीजों को किसानों को मुहैया कराने के लिए जिले में दो डीलर बनाये गए है। डीलरों के माध्यम से बाजारों में बीज विक्रेताओं के माध्यम से किसानों को सस्ते दरों पर दिया जाता है।

 

कृषि फार्म के जमीन पर बना किसान भवन

मढ़ौरा कृषि फार्म के कैंपस में लाखों की लगत से किसान भवन बनाया गया है। स्थिति ये है कि वर्षों से तैयार भवन भी अब खंडहर में बदलने लगा है। भवन का कृषि फार्म अपनी भूमि को कितना उपयोगी मान रहा इसका उदाहरण है कि उसने एक एकड़ जमीन वन विभाग को भी दे रखी है। जिसमें नाम मात्र के ही पौधा लगाया गया है। साथ फार्म की जमीन पर बीज का उत्पादन नहीं होने के कारण यहां जंगल उपजा हुआ है। ऐसे में कृषि विभाग फार्म की जमीन पर बीज उत्पादन करने को लेकर कितना सजग है, जिसे लोगों को समझने में ज्यादा परेशानी होगी।

 

 

क्या कहते है अफसर-

जिले के दो अनुमंडल में आठ कृषि फार्म का संचालन किया जा रहा है। फार्म से सरकार द्वारा प्रयोजित बीज का उत्पादन भी किया जाता है। अगर किसी फार्म पर बीज का उत्पादन नहीं हो रहा होगा तथा अवैध कब्जा होगा तो जांच कर दोषियों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

 

जयराम पाल, जिला कृषि पदाधिकारी, सारण।

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