डॉ. आंबेडकर छात्रावास निर्माण के 40 वर्ष बाद भी नहीं हुआ चालू, न ही तैनात किये गये अधीक्षक, सिस्टम बेफिक्र
- मढ़ौरा विधायक ने विधान सभा में सवाल करने पर हुआ था अतिक्रमण मुक्त फिर भी रहने लगे पुलिस
- खैरा के अंबेडकर एससी-एसटी छात्रावास में पुलिस का है अवैध कब्जा, नहीं रह रहे है छात्र
- एससी-एसटी छात्रों को छात्रावास में रखने को ले जनप्रतिनिधि व प्रखंड प्रशासन भी नहीं है सक्रिय
छपरा(सारण)। सरकार समाज के सभी वर्गो को शिक्षित करने को लेकर कई परियोजनाएं चला रही है, ताकि जरूरतमंद लोगों को योजनाओं का लाभ मिल सके। लेकिन आश्चर्य की बात है कि इन परियोजनाओं को सरकारी बाबू ही कुंडली मारकर बैठे हुए है। जिससे इन योजनाओं को लाभ जरूरतमंद लोगों को नहीं मिल रहा है। ऐसा मामला जिले के नगरा प्रखंड के खैरा का है, जहां करोड़ो की लागत से डॉ अंबेडकर अनुसचित जाति-जनजाति छात्रावास तो बना दिया गया, ताकि उसमें अनुसूचित जाति-जनजाति समुदाय के बच्चे रहकर गुणवतापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सके। लेकिन इस छात्रावास में छात्रों के रहने के बदले खैरा थाना पुलिस कब्जा जमाया है। इस छात्रावास में अभी तक न तो किसी अधीक्षक को पदस्थापित किया गया है, और न हीं इसे चालू करने की दिशा में कल्याण विभाग व शिक्षा विभाग के पदाधिकारी भी जहमत जुटा सके है। ऐसे में कोई भी छात्र रहकर पढ़ाई तक नहीं किया है। जानकारी के अनुसार करीब वर्ष 1980 में इस छात्रावास का निर्माण किया गया था। जिसके बाद से हीं खैरा थाना पुलिस ने कब्जा जमा लिया। छात्रावास में छात्रों को नहीं रहने के बाद भी समय-समय पर जीर्णोद्धार कार्य कराकर कागजी कोरम पूरा कर लिया जाता है। वर्ष 2018-19 में भी भवन निर्माण विभाग ने लाखों रूपये खर्च कर जीर्णोद्धार काराया है, जिसमें भी अभी अधिकांश कमरों में खिड़की नहीं लगाया गया है। ऐसे में सरकार द्वारा निमार्ण कराये गये छात्रावास की सुविधा कितने छात्रों को मिल रही है, यह सिस्टम पर बड़ा ही यक्ष प्रश्न है। जिसे आम लोगों को समझने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी।
मढ़ौरा विधायक ने विधान सभा में छात्रावास पर अतिक्रमण को ले किया था सवाल
मढ़ौरा के राष्ट्रीय जनता दल के विधायक जितेन्द्र कुमार राय ने बताया कि खैरा में निर्माण किये गये डॉ. अंबेडकर छात्रावास पर अतिक्रमण को लेकर विधान सभा में प्रश्न उठाया गया है। ताकि उसे अतिक्रमण मुक्त करके अनुसूचित जाति-जनजाति समुदाय के छात्रों को पढ़ने के लिए छात्रावास की सुविधा मिल सके। विधायक ने बताया कि वर्ष 2013 में भी पुलिस द्वारा छात्रावास पर अवैध कब्जा को लेकर विधान सभा में सवाल किये थे। इसके बाद आनन-फानन में छात्रावास को खाली कराया गया था। पुन: ऐसी सूचना मिल रही है कि उसमें छात्रों के बदले पुलिस रह रही है, तो उसे खाली कराने के लिये कार्य किया जाएगा।
एससी-एसटी छात्रों को छात्रावास में रखने को ले जनप्रतिनिधि व प्रखंड प्रशासन भी नहीं है सक्रिय
खैरा थाना से सटे निर्मित डॉ. अंबेडकर छात्रावास में छात्रों को रहकर पढ़ायी करने की दिशा में अभी तक प्रखंड प्रशासन व स्थानीय जनप्रतिनिधियों कोई भी सार्थक कार्य नहीं किया है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश छात्रों को छात्रावास होने की जानकारी नहीं है। साथ ही छात्रावास के भवन पर भी कुछ भी नहीं लिखा हुआ है, ऐसे में अधिकांश लोग समझतें है कि यह पुलिस का भवन है। परंतु हकीकत है कि छात्रावास में छात्रों को रहकर पढ़ायी करने के लिए बनाया गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि छात्रावास की स्थित देखकर कभी ऐसा नहीं लगा की इसमें बच्चें रहकर पढ़ सकेंगे।
सरकारी जगहों से अतिक्रमण हटाने के लिए चलाया जा रहा अभियान, अब तक छात्रावास पर नहीं पड़ी नजर
जिले के विभिन्न सरकारी भवन, स्थान, तालाब सहित अन्य जगहों से अतिक्रमण हटाने के लिए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के निर्देश पर सभी प्रखंडों में अभियान चलाया जा रहा है। परंतु आश्चर्य की बात है कि खैरा थाने से सटे डॉ. अंबेडकर छात्रावास में रह रहे पुलिस पर किसी की नजर नहीं पड़ी, और पड़ेगी भी कैसे, उसमें भी रहने वाले रहनुमा भी सरकारी बाबू जो ठहरे। बता दें कि जिलाधिकारी सरकारी जगहों से अतिक्रमण हटाने के लिए कई बार प्रखंड में वीडियों कॉन्फ्रेंस के माध्यम से तथा समाहरणालय सभागार में सभी भी करते है। परंतु सरकारी बाबू रिपोर्ट का कागजी घोड़ा दौड़ाकर शत-पतिशत उपलब्धि हासिल कर लेते है।
छात्रावास निर्माण के बाद अब तक तैनात नहीं किए गए अधीक्षक
खैरा थाना से सटे निर्मित डॉक्टर अंबेडकर छात्रावास को संचालित करने के लिए अभी तक विभागीय और प्रशासनिक स्तर पर कोई भी सार्थक कार्य नहीं किया गया और ना हीं इस छात्रावास में अधीक्षक को तैनात किया गया है। सूत्रों कि माने तो सबसे आश्चर्य की बात है कि निर्माण के बाद जिला कल्याण विभाग के द्वारा अभी तक शिक्षा विभाग को हस्तगत नहीं कराया गया है। ऐसे में शिक्षा विभाग छात्रावास को संचालित करने में कोई रुचि नहीं दिखा रहा है। वहीं स्थानीय लोगों मानें तो छात्रावास का निर्माण करने वाला संवेदक भी अभी तक विभाग को सुपुर्द नहीं किया है। अभी चल रहे जीर्णोद्धार कार्य को भी पूर्ण नहीं किया गया है। इससे पुलिस छात्रावास में रह रही है।
हाई स्कूल व इंटर में पढ़ने वाले छात्रों को दी जानी है सुविधा
डॉ. आंबेडकर अनुसूचित जाति-जनजाति छात्रावास में रह कर पढ़ने वाले छात्र को जागरूक करने की दिशा में अभी तक विभागीय स्तर से कार्य नहीं किया गया है। जिससे अभी तक छात्रावास खाली हैं, छात्रों के बदले में पुलिस रह रही है। जानकारी के अनुसार नगरा प्रखंड क्षेत्र में करीब तीन से अधिक हाई स्कूल एवं प्लस टू स्कूल है, परंतु इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को छात्रावास की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। जबकि सरकार छात्रों को छात्रावास में रहकर बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से छात्रावास का निर्माण कराया है। परंतु आज यह छात्रावास शोभा की वस्तु बनी हुई है। जिसका सूद लेने वाला अभी तक दिखायी नहीं दे रहा है।
शिक्षा विभाग को मालूम नहीं है कहां है छात्रावास
डॉक्टर अंबेडकर छात्रावास के बारे में शिक्षा विभाग भी अभी तक अनजान है। विभागीय सूत्रों की माने तो छात्रावास की अधिकांश पदाधिकारी व कर्मियों को नहीं है, वे असमर्थता जताते हुए आश्चर्य व्यक्त करते है, ऐसे में विभाग किसी को पता भी नहीं है कि कहां पर छात्रावास बना है और किस स्थिति में है, जबकि भवन निर्माण विभाग के द्वारा समय-समय पर जीर्णोद्धार का कार्य कर छात्रावास होने की कागजी कोरम पूरा कर देता है। सरकार की इतने रुपए खर्च होने के बाद भी कल्याण विभाग इस छात्रावास को संचालित करने में अभी तक असफल रहा है।
छात्रावास में यह दी जानी है सुविधा
छात्रावास में रहने वाले छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के लिए शिक्षकों को भी तैनात किया जाना है साथ ही इसमें छात्रावास अधीक्षक का पद सृजित है। परंतु आश्चर्य की बात है कि निर्माण के 40 वर्ष बीत जाने के बाद भी जिला कल्याण विभाग एवं शिक्षा विभाग के द्वारा छात्रावास को चालू करने की दिशा में अभी तक कोई पहल नहीं किया गया है जिससे इस भवन में स्थानीय थाने के पुलिस रहने लगे।
छात्रावास चालू होते हीं नहीं रहेंगे पुलिस
खैरा थानाध्यक्ष मिथिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि छात्रावास खाली है इसलिए कुछ पुलिस रह रहे है, जैसे ही चालू करने की दिशा में पहल होगी, अविलम्ब खाली कर दिया जाएगा। हम सभी चाहते है कि छात्रावास चालू हो, इससे शिक्षा का बेहतर प्रचार-प्रसार होगा।


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