- प्रखण्ड स्तर पर 1 जून से 30 जून तक कैम्प लगाकर बायोंमेट्रिक तरीके से पेंशनधारियों के जीवन का होगा प्रमाणीकरण
- अधिक उम्र के वृद्ध का आधार व अंगूली, ऑख मैच नहीं होने पर बंद होगा पेंशन
राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। जिले में समाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन एवं 60 वर्ष से अधिक उम्र के करीब 4 लाख 528 पेंशनधारी है। इन पेंशनधारियों का बायोमेट्रिक तरीके से जीवन का प्रमाणीकरण गत दिसंबर 2021 से फरवरी 2022 तक किया गया है। जिसमें करीब 03 लाख 19 हजार 976 पेंशनधारियों का प्रखंड स्तर पर एवं कॉमन सर्विस सेन्टरों पर बायोमेट्रिक तरीके से जीवन का प्रमाणीकरण किया गया। लेकिन अभी तक करीब 01 लाख 10 हजार 552 पेंशनधारियों का जीवन प्रमाणीकरण नहीं किया गया है। जिससे उनका पेंशन बंद हो गया है। इस पर जिलाधिकारी राजेश मीणा ने खेद प्रकट किया है। उन्होंने जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को दो दूक में कहा है कि आगामी एक जून से 30 जून तक प्रखंड स्तर पर व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कर 1.10 लाख पेंशनधारियों का बायोमेट्रिक तरीके से जीवन का भौतिक सत्यापन करें। डीएम ने कहा है कि अभी तक जिनके जीवन का भौतिक सत्यापन नहीं किया गया है, उनका पेंशन बाधित है। इस सूरत में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी अपने क्षेत्र के आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, विकास मित्र, पंचायत सचिव सहित अन्य कर्मियों के माध्यम से जीवन प्रमाणीकरण से वंचित लोगों को चिन्हित करते हुए निर्धारित तिथि के अंदर बायोमेट्रिक एवं आइरिस तरीके से जीवन का प्रमाणीकरण कराना सुनिश्चित करेंगे। जानकारी के अनुसार जिले में प्रखंड स्तर एवं पंचायतों के कॉमन सर्विस सेंटर यानी सीएससी पर सामाजिक सुरक्षा के पेंशनधारियों के जीवन का प्रमाणीकरण किया जाएगा। इसको लेकर प्रत्येक प्रखंडों में कैम्प लगाया जाएगा। जिसमें एक कम्प्यूटर ऑपरेटर या कार्यपालक सहायकों को प्रतिनियुक्त किया जाएगा। साथ हीं कॉमन सर्विस सेंटर पर भी जीवन के बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण किया जाएगा।
1.10 लाख पेंशनधारियों की सूची ई-लाभार्थी पोर्टल पर प्रखंडवार होगा उपलब्ध
जिले के सभी प्रखंडों में आगामी 01 जून से 30 जून तक जीवन प्रमाणीकरण से वंचित सामाजिक सुरक्षा के पेंशनधारियों के जीवन का बायोमेट्रिक तरीके से जीवन का भौतक सत्यापन किया जाएगा। इसको लेकर जीवन प्रमाणीकरण से वंचित पेंशनधारियों की सूची प्रखंडवार तैयार किया जा रहा है। डीएम ने कहा है कि ई- लाभार्थी पोर्टल पर प्रखंडवार जीवन प्रमाणीकरण कराने वाले पेंशनधारियों की सूची उपलब्ध करा दिया जाएगा। जिन्हें पंचायत एवं गांवों में व्यापक प्रचार- प्रसार करते हुए हर हाल में जीवन का प्रमाणिकरण कराने का निर्देश दिया है।
मृत पेंशनधारी के खाते में पैसा जाने से रोकने के लिए किया जा रहा बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण
जिले में मृत पेंशनधारियों के बैंक खाते में पेशन की राशि आंतरिक होने से रोकने को लेकर जीवन का प्रमाणीकरण किया जा रहा है। परंतु इसका सबसे अधिक प्रभाव अधिक उम्र के वृद्ध लोगों पर पड़ पड़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। अधिक उम्र होने के कारण अंगूलियों के निशान मिटने लगते है, जिससे पेंशनधारियों के अंगूलियों के निशान को स्केनर नहीं कर पायेगा, वहीं अधिक उम्र के कारण आंखों में भी खराबी आने लगती है, ऐसे में आई स्केनर भी बहुत हद तक कार्य नहीं करता है। इस सूरत में अधिक उम्र के वृद्ध पेंशनधारियों का पेंशन बंद होने का अनुमान है। जानकारों की माने तो पेंशनधारियों को पहले शिविर लगाकर हाथो- हाथ रूपये दिया जाता था, जिसमें पेंशनधारी शिविर में आकर रूपये प्राप्त करते थे। जिससे जीवन का प्रमाणीकरण हो जाता था। लेकिन अब पेंशनधारी के बैंक खाता को आधार से लिंक कर दिया गया है और पेंशन की राशि बैंक खाते में ही आंतरिक कर दी जा रही है। ऐसे में कौन पेंशनधारी जीवित है और कौन मृत हो गये है, इसका पता नहीं चल रहा है। इसलिए जीवित पेंशनधारी का आंकड़ा एकत्रित करने के लिए बायोमेट्रिक तरीके से जीवन का प्रमाणीकरण किया जाएगा। ताकि मृत पेंशनधारी के खाते में रूपये नहीं जा सके।
बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण में आधार कार्ड से होगा सत्यापन
सभी पेंशनधारियों का पेंशन आधार से लिंक किया गया है। ऐसे में जो व्यक्ति जीवित होंगे, उनका आधार संख्या एवं पेंशनधारी के अंगूलियों से सत्यापित किया जाएगा। जब आधार व अंगूली मैच करेगा तब ही पेंशनधारी के जीवन का प्रमाण पत्र निर्गत होगा।
अधिक उम्र के वृद्ध का आधार व अंगूली, आंख मैच नहीं होने पर बंद होगा पेंशन
बायोमेट्रिक तरीके से जीवन प्रमाणीकरण में अधिक उम्र के वृद्ध पेंशनधारियों का सत्यापन में काफी परेशानी हो सकती है। तकनीकी जानकारों की माने तो अधिक उम्र होने के बाद अंगूलियों के निशान घीसकर मिट जाते है। ऐसे में जब बायोमेट्रिक तरीके से प्रमाणीकरण के दौरान आधार और अगूलियां और ऑख मैच नहीं करेंगे तो उनका प्रमाणीकरण नहीं होगा। जिससे उनका पेंशन बंद होने की संभावना है। साथ हीं अधिक उम्र के वृद्धजनों का आंख में खराबी आने लगती है, जिससे भी आईरिश द्वारा आई स्केन करने में परेशानी हो सकती है। फिलहाल प्रशासन प्रखंडों में एवं कॉमन सर्विस सेंटरों पर बायोमेट्रिक डिवाइस से ही अंगूलियों एवं आईरिश से ऑख को स्केन कर आधार और पेंशन से मैच कराने के बाद ही पेंशनधारियों के जीवन का प्रमाणीकरण होगा। जिससे अधिक उम्र के वृद्ध पेंशनधारियों के जीवनयापन में काफी परेशानी हो सकती है।


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