छपरा (सारण)। शहर के बाजार समिति स्थित किसान भवन परिसर में जिला मिट्टी जांच प्रयोगशाला से मिट्टी की जांच कराकर स्वायल हेल्थ कार्ड में वर्णित पोषक तत्वों के आधार पर उर्वरक का प्रयोग कर कम खर्च में अधिक उपज किया जा सकता है। मिट्टी जांच के बाद मिट्टी में पाये जाने वाले पोषक तत्वों की कमी का पता चल जाता है। जिसके अनुरूप रसायनिक व जैविक खादों का प्रयोग करने के लिए विभाग के अफसरों द्वारा किसानों को उचित सलाह दी जाती है। इससे मिट्टी को स्वस्थ्य किया जा सकता है। इसको लेकर विभाग ने जिला मिट्टी जांच प्रयोगशाला को जिले के करीब 13 हजार 600 खेतों के ग्रिड का मिट्टी जांच करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसके तहत जिले के करीब डेढ़ लाख से अधिक किसानों को इस बार मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जाएगा। इसको लेकर मिट्टी जांच प्रयोगशाला के पदाधिकारी व कर्मियों ने कार्य करना शुरू कर दिया है। जानकारी के अनुसार मिट्टी जांच के बाद किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जाता है। जिसमें मिट्टी में पाये जाने वाले सभी पोषक तत्वों का विवरण दिया जाता है। साथ ही मिट्टी में जिन पोषक तत्वों की कमी होती है उसकी भरपाई करने के तरीके भी बताये जाते है। इसकी जानकारी देते हुए मिट्टी जांच प्रयोगशाला के सहायक निदेशक डॉ. दीपक कुमार ने बताया कि मिट्टी में 17 प्रकार के पोषक तत्व पाये जाते है। जिसमें 12 तत्व महत्वपूर्ण होते है। मिट्टी जांच के बाद जिन पोषक तत्वों की कमी होती है, उसके बारे में किसानों को विस्तार से बताया जाता है।
प्रत्येक प्रखंड के पांच गांव के कृषि योग्य भूमि की मिट्टी की होगी जांच
जिले में मिट्टी जांच को लेकर लक्ष्य के अनुसार कार्य करने को लेकर रोस्टर तैयार कर लिया गया है। मिट्टी जांच प्रयोगशाला के समन्वय अनिरूद्ध सिंह ने बताया कि किसानों के खेती की मिट्टी जांच के लिए रेण्डम के अनुसार प्लॉट का का चयन किया जाएगा। इसके लिए फिलहाल प्रत्येक प्रखंडों के पांच-पांच गांवों को चयनित किया गया है। जहां से किसान सलाहकारों के माध्यम से खेतों की मिट्टी प्राप्त् किया जाएगा। जिसे प्रयोगशाला में जांच कर पाये जाने वाले पोषक तत्वों से संबंधित स्वायल हेल्थ कार्ड दिया जाएगा। और मिट्टी में जिन पोषत तत्वों की कमी होगी उसके उपचार के बारे में भी बताया जाएगा।
मिट्टी में ये पाए जाते हैं पोषक तत्व
- कार्बन
- हाईड्रोजन
- ऑक्सीजन
- नाईट्रोजन
- फास्फोरस
- पोटैशियम
- कैल्सियम
- मैग्नेशियम
- सल्फर
- जिंक
- कॉपर
- आयरन
- मैंगनीज
- बोरोन
- मोलीब्डेनम
- क्लोरीन
मृदा स्वास्थ्य कार्ड की तीन साल होती है वैधता
मिट्टी जांच के बाद दिये जाने वाले मृदा स्वास्थ्य कार्ड की वैधता तीन साल की होती है। एक बार मिट्टी जांच कराने के बाद किसान स्वास्थ्य कार्ड में वर्णित पोषक तत्वों का उपयोग कर तीन वर्षो तक खेती कर सकते है।
13 हजार 600 ग्रिडों के मिट्टी की होगी जांच, 1.5 लाख किसानों को दिया जाएगा मृदा स्वास्थ्य कार्ड
जिले के किसानों के खेतों की मिट्टी जांच करने को लेकर कृषि विभाग ने लक्ष्य निर्धारित किया है। इस बार जिले के करीब 13 हजार 600 प्लॉट यानि ग्रिड की मिट्टी की जांच की जाएगी। जानकारी के अनुसार विभाग ने एक हेक्टेयर सिंचित भूमि का एक प्लॉट तथा 10 हेक्टेयर असिंचित भूमि का एक प्लॉट निर्धारित किया गया है। जिसके तहत जिले में करीब डेढ़ लाख से अधिक किसानों को स्वायल हेल्थ कार्ड का वितरण किया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए मिट्टी जांच प्रयोगशाला के सहायक निदेशक ने बताया कि यह लक्ष्य सत्र 2022-23 के लिए प्राप्त हुआ। जिसे हर संभव पुरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि किसान सलाहकार से मिट्टी के नमूने को प्रयोगशाला में लाने का निर्देश दिया गया है।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस बार जिले के 13 हजार 600 प्लॉट यानी ग्रीडों के मिट्टी की जांच कर करीब 01 लाख 50 हजार किसानों को स्वालय हेल्थ कार्ड देने का लक्ष्य है। जिसे हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा। मिट्टी में 17 प्रकार के पोषक तत्व पाये जाते है। किसानों के खतों से मिट्टी के नमूना को एकत्र कर प्रयोगशाला में जांच किया जाता है। जांच के परिणाम आने के बाद किसानों को उचित मात्रा में रसायनिक व जैविक खादों के प्रयोग करने के लिए बताया जाता है। जिसे प्रयोग कर कम खर्च में अधिक उत्पादन कर सके। डॉ. दीपक कुमार, सहायक निदेशक, मिट्टी जांच प्रयोगशाला, सारण।
पोषक तत्वों के नाम मानक स्तर
- मिट्ट की प्रतिक्रिया 6.5-7.5 सामान्य
- लवण की मात्रा 01 से कम सुरक्षित
- जैविक कार्बन 0.5-0.75 मध्यम
- नाईट्रोजन 250-500 निम्न
- फास्फेट 25-50 मध्यम
- पोटैशियम 125-300 मध्यम
- सल्फर 10 से अधिक परीक्षण नहीं
- जिंक 0.78 से अधिक ——-
- बोरोन 0.50 से अधिक परीक्षण नहीं
- आयरन 7.00 से अधिक सामान्य
- मैंगनीज 3.00 से अधिक सामान्य
- कॉपर 0.60 से अधिक सामान्य


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