राष्ट्रनायक न्यूज।
परसा (सारण)। प्रखंड में किसानों मे मूंग की खेती को लेकर काफी खुशी देखी जा रही है। मूंग की फसल के लिए मौसम अनुकूल रहने के कारण मूंग की फसल लहलहा रही है। किसान गेहूं कटाई कर खेत को खाली परती न छोड़ कर उसमे मूंग फसल की बुआई कर दी है। जिससे किसानों को अच्छा खासा मुनाफा होने की उम्मीद है। दलहनी फसलों मे मूंग की खेती से किसानों को अच्छा लाभ मिल जाता है।मूंग की फसल तैयार करने में एक तो बहुत कम लागत आती है। दूसरी ओर खेत की उर्वरा शक्ति भी बढ़ जाती है।परसा क्षेत्र में ज्यादातर किसान गेहूं की फसल काटने के बाद खेतों को बंजर न छोड़कर मूंग की बुआई कर समय का उपयोग करते हुए मुनाफा कमा लेते हैं। मूंग की फसल करीब 45 से 60 दिनों में तैयार हो जाती है।इसे तैयार होने में काफी कम लागत आती है। एक बीघा खेत में करीब एक किलो बीज डालना पड़ता है। फसल तैयार होने तक सिर्फ एक बार सिंचाई करने की आवश्यकता है। परसा प्रखंड क्षेत्र के किसान मनोहर साह, गोरख साह, गोपाल प्रसाद, बच्चू तिवारी, अशोक तिवारी, सुरेंद्र शर्मा, बारेलाल शर्मा, मो. मूर्तिंजा अंसारी, अनिल सिंह, परमेश्वर प्रसाद, सुनील सिंह, गजेन्द्र तिवारी बताते हैं कि यदि मौसम मेहरबान रहा तो मूंग की अच्छी पैदावार हो जाएगी।सुबह से अब तक मौसम किसानों को भरपूर साथ दी है। वहीं यदि तेज बारिश हो जाती है तो मूंग की फसल को काफी नुकसान पहुंचने की संभावना है। एक बीधा खेत में करीब एक क्विंटल से अधिक पैदावार होती है। जिसकी बाजार कीमत 7 से 8 हजार है।मूंग की फसल में लागत और समय दोनों कम लगता है और मुनाफा अधिक होती है। मूंग के पौधे खेत को मजबूत करती है। जिससे खेत की मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है। मूंग की फसल के बाद इसी खेत में खरीफ की फसल की बुआई की जाती है। जमीन की मिट्टी मुलायम रहती है। यह जैविक खेती से फसल का उत्पादन बढ़ता है। कृषि विभाग खाली पड़े खेतों में मूंग,सनई व ढैंचे की खेती करने पर बल दे रहा है।


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