मनिंद्र नाथ सिंह मुन्ना। राष्ट्रनायक न्यूज।
दिघवारा (सरण)। गरखा प्रखंड के मौजमपुर पंचायत स्थित गरीब नाथ मंदिर धनोरा में नौ दिवसीय रुद्र महायज्ञ के पांचवे दिन प्रवचन मंच से भगवान शंकर के विवाह प्रसंग पर चर्चा करते हुए सुश्री सुप्रिया प्रियदर्शी ने श्रोताओं को अपने विचारों के माध्यम से बताया कि जो अपने लिए सोचता है। उसे घर तक ही जाना जाता है, लेकिन जो समाज के लिए सोचता है और जीता है उसी को समाज और भक्त याद करते हैं।जो व्यक्ति मंदिर अस्पताल आदि का निर्माण करवाते हैं वह अमर हो जाते हैं ।प्रवचन के क्रम में सुप्रिया जी ने श्रोताओं को अपने मधुर गायकी के बदौलत मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जो अमृत पीता है वह देव और जो विष का सेवन करने वाले होते है महादेव कहलाते हैं। कथा वाचन के क्रम में श्रोताओं को बताया कि आज के समय में लोग अपने दुख से ज्यादा दूसरों के सुख से जीवन को कष्टमय बना लिया करते हैं।
माटी जन्म अनमोल है माटी में न घोल रे:
मनुष्य का जन्म तो हुआ लेकिन उसका नैतिक विचार एवं संस्कार राम कथा और संगत से मिलता है। नौ दिवसीय रुद्र महायज्ञ की सफलता के लिए गरीब नाथ मंदिर यज्ञ समिति और सूर्य मंदिर सेवा समिति तन मन धन से समर्पित है। स्थानीय लोगों के अनुसार सुश्री सुप्रिया प्रियदर्शी जी अपने वचन से लोगों के मन को मोह लेती हैं एवं उनके जो वचन हैं उसको अगर सभी लोग अपने जीवन में चरितार्थ कर लें तो उनका जीवन संवर जाएगा ।इसी के साथ इस यज्ञ को लेकर स्थानीय लोगों के बीच खुशी का माहौल है और उन लोगों के द्वारा यज्ञ परिसर में रोज ही अपना समय दिया जाता है।


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