राष्ट्रनायक न्यूज।
गंगा नदी को सनातन धर्म में माँ की संज्ञा दी गयी है। यह नदी भारत की सबसे पवित्र नदियों में से एक है। ऋषि मुनियों की घोर तपस्या के कारण गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई और मनुष्यों के पापो को धोने लगी। हरिद्वार में इसी नदी के घाट पर अस्थि विसर्जन किया जाता है। माना जाता है की ऐसा करने से मरने वाले की आत्मा को शांति मिलती है।
गंगाजल के फायदे और उपाय :
जो व्यक्ति रोज गंगा जल पीता है वो निरोगी रहता है और अधिक उम्र तक जीवन व्यतीत करता है। जिस घर में गंगा जल रखा होता है वहा सकारात्मक उर्जा का वास होता है, उस घर में सुख समृद्धि पाई जाती है। यदि रात्रि में गंगा जल के बिस्तरों में छाटे मार कर सोया जाये तो बुरे और डरावने सपने नहीं आते।पारिवारिक सदस्यों में क्लेश रहता है तो प्रतिदिन सुबह सारे घर में गंगा जल का छिड़काव करें। इस उपाय से घर की नकारात्मकता का नाश होता है और सकारात्मकता का माहौल बनता है। मरने वाले व्यक्ति के गले में यदि गंगा जल की कुछ बूंदे डाल दी जाये तो उसके प्राण आसानी से निकल जाते है और उसे मुक्ति मिलती है।
गंगा जल विज्ञान के लिए भी चमत्कार है क्योकि यह सालो तक बोतल में रहने के बाद भी खराब नही होता:
यदि सोमवार की शिव पूजा में आप शिवलिंग पर गंगा जल से अभिषेक करेंगे तो भोलेनाथ जल्द ही प्रसन्न होंगे। और जीवन से सभी विकार नष्ट हो जाएंगे। यदि किसी व्यक्ति को नजर लग गयी है तो उसे आप गंगा जल के छींटे माँ कर, नजर का प्रभाव काफी कम कर सकते है। गंगा के जल में इतनी शक्ति होती है की उसमे गन्दा पानी मिलाने पर उसके भी कीटाणुओ को मार देता है। ग्रन्थों में बताया गया है की गंगा जल बुद्धि बढ़ाने वाला और पाचक तंत्र को मजबूत करने की शक्ति रखता है। हर शनिवार एक लोटे में साफ जल भरें और उसमें थोड़ा सा गंगाजल डाल लें। ये पानी पीपल को चढ़ाएं। ऐसा करने से शनि के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
तरक्की और सफलता पाने के लिए गंगाजल को हमेशा अपने पूजा स्थल और किचन में रखें:
यदि आपके ऊपर कर्ज अधिक हो गया है या घर में परेशानियां ही परेशानियां हो तो आप गंगाजल को पीतल की बोतल में भरें और उसे अपने घर के कमरे में उत्तर पूर्व दिशा में रख दें। इससे आपकी समस्या जल्द हल हो जाएगी।
संजीत कुमार मिश्रा, ज्योतिष एवं रत्न विशेषज्ञ


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