प्रो0 संजय पाण्डेय। राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। बिहार शिक्षा मंच के संयोजक तथा सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी डॉ रणजीत कुमार ने शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी को पत्र भेजकर मांग किया है कि जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के सम्बद्ध महाविद्यालयों का विगत 12 वर्ष से विभिन्न शैक्षणिक सत्रों का बकाया परीक्षा फल आधारित अनुदान की राशि अविलंब विमुक्त किया जाए ताकि गंभीर आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे शिक्षकों एवम कर्मियों को राहत मिल सके।विदित हो कि जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के सम्बद्ध डिग्री महाविद्यालयों को वर्ष 2010 तक का ही सरकार द्वारा अनुदान राशि विमुक्त किया गया है। डॉ कुमार ने कहा है कि हाल के दिनों में बिहार के अन्य विश्वविद्यालयों के सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों हेतु शैक्षणिक सत्र 2011- 14 तथा 2012-15 का बकाया अनुदान राशि सरकार द्वारा विमुक्त किया गया है और अधिकांश कॉलेजों में अनुदान राशि वितरित भी हो गया है या हो रहा है लेकिन जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों हेतु अनुमान्य अनुदान राशि नामालूम कारणों से विमुक्त नहीं किया गया है फलतः इन सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों में वर्षों से अध्यापन का कार्य कर रहे शिक्षकों एवम कर्मियों में घोर निराशा एवम हताशा तो व्याप्त है ही, इन शिक्षकों के समक्ष भुखमरी की नौबत आ गई है।इन शिक्षकों का 12 वर्षों से सरकार के यहां अनुदान राशि बकाया है लेकिन शिक्षा विभाग की उदासीनता एवम लालफीताशाही की वजह से शिक्षकों को समय पर सरकार द्वारा निर्धारित परीक्षा फल आधारित अनुदान राशि भी नहीं मिल पा रही है।सरकार के रवैये से ऐसा प्रतीत होता है कि शिक्षा और शिक्षक सरकार के एजेंडे में नहीं है। दोनों हाशिए पर हैं। ज्ञान बांटने वाले के घर में ही अंधेरा छाया हुआ है।ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने का सरकारी दावा पूरी तरह से हास्यास्पद है। शिक्षा विभाग ने परीक्षा फल आधारित अनुदान राशि एक शैक्षणिक सत्र के लिए अधिकतम डेढ़ करोड़ निर्धारित कर दिया है जिससे अधिक क्षमता वाले बड़े कॉलेजों के शिक्षकों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। इस आदेश को भी वापस लेने की जरूरत है। डॉ कुमार ने आगे लिखा है कि परीक्षा फल आधारित अनुदान की नीति विफल हो गई है इसलिए बेहतर अधःसंरचना वाले सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों के लिए घाटा अनुदान देने की व्यवस्था किया जाना चाहिए।


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