राष्ट्रनायक न्यूज

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गर्भवती को अधिक समय तक खांसी और बुखार रहे तो करायें टीबी जांच

  • घर से बाहर मास्क का जरूरी, घर या बाहर टीबी संक्रमित से बनायें दूरी

राष्ट्रनायक न्यूज।

औरंगाबाद (बिहार)। टीबी एक घातक बीमारी है. टीबी संक्रमित व्यक्ति से यह दूसरे स्वस्थ्य व्यक्ति तक फैलता है. टीबी संक्रमित व्यक्ति का समय पर सही इलाज होना आवश्यक है. मुख्य तौर पर फेफड़ों में टीबी का संक्रमण ज्यादा गंभीर है. महिलाओं में भी टीबी संक्रमण के मामले अधिक हैं. विशेषकर गर्भावस्था में टीबी एक महत्पूर्ण विषय हैं जिसके बारे में जरूरी जानकारी रखी जानी चाहिए. टीबी माइकोबैक्ट्रीयम ट्यूबरक्लोसिस नामक एक जीवाणु के कारण होता है. टीबी विश्व की सबसे जानलेवा बीमारियों में से एक है. अगर किसी महिला को टीबी है और वह गर्भवती है तो उसका सही समय पर निदान आवश्यक है. सही इलाज से गर्भवती महिला व शिशु को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है. इलाजरत होने पर दवाईयों को बीच में नहीं छोड़ा जाना चाहिए. अन्यथा यह गंभीर हो जाता है.

टीबी संक्रमित से संपर्क में आने से बचें गर्भवती महिलाएं:

जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ रवि रंजन ने बताया गर्भवती महिलाओं के टीबी संक्रमित होने के कई कारण हो सकते हैं. इनमें घर में टीबी के किसी अन्य व्यक्ति के लगातार संपर्क में आने, या टीबी संक्रमित क्षेत्र में रहने, एचआइवी होने, कुपोषित तथा बहुत अधिक वजन कम होने, शराब व मादक पदार्थ जैसे सिगरेट, गुटखा आदि के सेवन आदि हैं. टीबी के कुछ ऐसे लक्षण आमतौर पर जाहिर होते हैं जिसके दिखने पर टीबी जांच आवश्यक है. इनमें एक सप्ताह से अधिक समय तक खांसी रहना, तेज बुखार रहना, भूख की कमी, बहुत अधिक थकान तथा लंबे समय तक अस्वस्थ रहना, बलगम में खूना आना तथा गर्दन की ग्रंथियों में सूजन व दर्द रहना आदि हैं.

जांच के लिए स्कीन टेस्ट, बलगम व फेफड़ों का एक्सरे:

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक गर्भवती महिलाओं में टीबी खतरनाक है. गर्भावस्था में टीबी का इलाज जटिल होता है. लेकिन इसका इलाज नहीं किये जाने पर यह गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक होता है. गर्भावस्था में ट्यूबरकूलीन स्कीन टेस्ट तथा टीबी ब्लड टेस्ट दोनों सुरक्षित हैं. इसके अलावा बलगम की जांच और फेफड़ों का एक्सरे किया जाता है. गर्भवती महिलाओं में टीबी का सही समय पर पता चल जाने से इलाज संभव है. गर्भवती के टीबी का इलाज नहीं होने से शिशु को भी टीबी की संभावना रहती है.

गर्भवती महिलाएं घर से बाहर मास्क का इस्तेमाल जरूर करें:

गर्भवती महिलाएं सफाई का विशेष ध्यान रखें. टीबी संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से बचें. घर से बाहर निकलने पर मास्क का जरूर इस्तेमाल करें. घर में किसी को बहुत अधिक दिनों से खांसी है तो उसकी बलगम जांच करवायें. गर्भवती महिलाएं प्रोटीन तथा विटामिन से भूरपूर भोज्य पदार्थ जैसे रोटी, पनीर, दही, दूध, फल, हरी सब्जी, दाल, अंडा, मछली आदि का सेवन करें. टीबी संक्रमित गर्भवती महिलाओं को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है. महिला का पौष्टिक खानपान नहीं होना, समय पर भोजन नहीं करना, खून की कमी आदि के कारण टीबी का प्रभाव बढ़ जाता है.