राष्ट्रनायक न्यूज

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मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का करें इस्तेमाल

  • मलेरिया की जांच के लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है किट
  • एंटी मलेरिया माह के रूप् में मनाया जा रहा जून का महीना
  • गर्मी और बरसात में बढ़ जाता है मलेरिया रोग का प्रकोप
  • मलेरिया के लक्षण के दिखने पर ससमय करायें इलाज

राष्ट्रनायक न्यूज।

गया (बिहार) जिला में जून माह एंटी मलेरिया माह के रूप में मनाया जा रहा है।इस वर्ष मलेरिया माह का थीम मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार है। मलेरिया माह के दौरान इसके रोकथाम के लिए उचित योजना के तहत लोगों को इस रोग के बारे में जागरूक भी किया गया है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ एमई हक ने बताया इसका उद्देश्य मलेरिया रोगियों की खोज, उनका ससमय इलाज तथा मलेरिया के प्रसार को रोकना है। गर्मी और बरसात के मौसम में मलेरिया का प्रकोप बढ़ जाता है। रोग की आवश्यक रोकथाम की जानी चाहिए। उन्होंने बताया मलेरिया की रोकथाम के लिए प्रखंड स्तर पर स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा जागरूकता लायी गयी है। इसमें लोगों को बताया गया है कि मलेरिया संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया बुखार किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। मलेरिया के लक्षणों में बुखार आना, ठंड लगना, सर दिर्द, मचली और उल्टी और शरीर में दर्द आदि शामिल है। लक्षणों के दिखने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या गांव की आशा कार्यकर्ता को इसकी जानकारी दें। बताया कि गर्भवती को मलेरिया होने पर ससमय इलाज कराना महत्वपूर्ण है। अन्यथा कई बार गर्भपात का जोखिम हो सकता है। उन्होंने बताया मलेरिया से बचने के सबसे आसान उपाय मच्छरदानी का उपयोग करना है। अपने आसपास व नालियों की साफ सफाई रखना, जलजमाव नहीं होने देना, पूरे बाजू वाले कपड़े पहनना आदि शामिल है। इसके अलावा अपने आसपास की जगहों पर डीडीटी का छिड़काव कर सकते हैं। उन्होंने बताया सभी सामुदायिक तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मलेरिया की जांच के लिए जांच किट उपलब्ध कराये गये हैं। साथ ही दवा उपलब्ध है। मलेरिया से ठीक होने में लगभग दो सप्ताह लग जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 2030 तक मलेरिया के मामलों को 90 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा गया।