- स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सभी अधिकारी पूरी तन्मयता से जुड़ कर अपने कार्यो का करें निष्पादन: जिलाधिकारी
- स्वास्थ्य विभाग की बेहतरी के लिए जिलाधिकारी पूरी तरह से रहते सजग: सिविल सर्जन
- राज्य स्तरीय रैंकिंग को लेकर स्वास्थ्य विभाग कर रहा है बेहतर प्रदर्शन: डीपीएम
राष्ट्रनायक न्यूज।
कटिहार (बिहार)। समाहरणालय सभागार में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी उड्यन मिश्रा की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी समीक्षात्मक बैठक की गई। जिस दौरान ई-संजीवनी कंसल्टेंसी, स्वास्थ्य पखवाड़ा अभियान, मिशन इंद्रधनुष, प्रसव पूर्व जांच (ए एन सी), कोविड-19 टीकाकरण, लक्ष्य एवं कायाकल्प कार्यक्रम सहित कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को लेकर सिविल सर्जन, डीपीएम सहित कई अन्य अधिकारियों से विन्दुवार समीक्षा की गई। स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध संसाधनों के आधार पर दिन प्रतिदिन महत्वपूर्ण सुधार हो रहा है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मियों का अहम योगदान है। क्योंकि सरकार की मंशा यह है कि जिलेवासियों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं सभी तरह के लाभुकों को ससमय मिले ताकि स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य की पहचान हो। वहीं सरकार द्वारा संचालित लक्ष्य कार्यक्रम के तहत प्रमाणीकरण एवं कायाकल्प योजना सहित एन्क्वास ज़िलें के सभी अस्पतालों को प्राप्त हो सकें। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य सहयोगी संस्थाओं को सहयोग कराने को लेकर बल दिया गया। समीक्षा बैठक के दौरान सिविल सर्जन डॉ डीएन पाण्डेय, डीपीएम डॉ किशलय कुमार, एसीएमओ, डीआईओ, डीसीएम सहित जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के एमओआईसी एवं अन्य अधिकारी जुड़े हुए थे।
स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सभी अधिकारी पूरी तन्मयता से जुड़ कर अपने कार्यो का करें निष्पादन: जिलाधिकारी
जिलाधिकारी उड्यन मिश्रा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग की मासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि ज़िले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी, शिशु मृत्यु दर, मातृ-शिशु देखभाल एवं इमरजेंसी सेवाओं को पहले से बेहतर बनाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी सभी तरह की योजनाओं को धरातल पर उतारते हुए शत प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करना होगा। ताकि ज़िले का प्रदर्शन अच्छा हो। इसके लिए हम सभी को पूरी ईमानदारी एवं निष्ठापूर्वक अपने-अपने कार्यो को नियत समय पर पूरा करना होगा। जिले के सभी अधिकारी एवं कर्मी एक जुट होकर शत प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करने में लगे हुए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की बेहतरी के लिए जिलाधिकारी पूरी तरह से रहते है सजग: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ डीएन पाण्डेय ने बताया मातृ एवं शिशु मृत्यु दर के अनुपात को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष रूप से एक रणनीति के तहत कार्य किया जा रहा है। जिसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण-05 के सर्वेक्षण के अनुसार अधिकांश रूप से संस्थागत प्रसव सरकारी संस्थानों में किया जाता हैं। जबकिं बहुत कम संख्या में निजी संस्थानों में प्रसव होती है। लेकिन वर्ष 2022 के दौरान 4680 संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव कराया गया है। वहीं प्रसव पूर्व ( एएनसी ) अप्रैल में लक्ष्य से ज़्यादा यानी कि 104 प्रतिशत हुई हैं तो मई महीने में 114 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की जांच की गई है। जबकिं अप्रैल में 84 प्रतिशत तो मई महीने में 88 प्रतिशत पंजीयन हुआ था। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रसव पूर्व चार तरह की जांच कराई जाती जिसमें अप्रैल में 74 प्रतिशत तो मई में 83 प्रतिशत हुआ था। महिला एवं पुरुष नसबंदी में भी कटिहार ज़िला ने महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है जिसमें 16 पुरुषों व 12 महिलाओं की नसबंदी कराई गई है। वैश्विक महामारी कोविड-19 टीकाकरण को लेकर सिविल सर्जन ने बताया कि 15 से लेकर 18 आयुवर्ग के युवाओं ने मई महीने के दौरान प्रथम डोज़ के रूप में 51 प्रतिशत टीकाकरण कराया है। जबकिं 46 प्रतिशत बूस्टर डोज़ लगायी गयी है। हालांकि 86 प्रतिशत टीकाकरण 18 आयुवर्ग से अधिक उम्र के लाभार्थियों का हुआ है।
राज्य स्तरीय रैंकिंग को लेकर स्वास्थ्य विभाग कर रहा है बेहतर प्रदर्शन: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ किशलय कुमार ने बताया कि विगत महीने जिलाधिकारी की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी। जिस दौरान आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा गया था कि राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से प्रत्येक महीने बिहार के सभी जिलों से स्वास्थ्य विभाग द्वारा बेहतरीन कार्य करने वाले ज़िले को सम्मानित किया जाता है। जिसको लेकर जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में विगत महीने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया है। हालांकि स्वास्थ्य से संबंधित सभी तरह की योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा के बाद ही राज्य स्तरीय रैकिंग की जाती है। ज़िले के क़दवा, बारसोई एवं दण्डखोड़ा स्वास्थ्य केंद्रों का बहुत ही जल्द लक्ष्य योजना के तहत प्रमाणीकरण होना है। इसके साथ ही फ़लका एवं कोढ़ा स्वास्थ्य केंद्रों का लक्ष्य प्रमाणीकरण पहले ही हो चुका है लेकिन अब उसका नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्वास) होना बचा हुआ है लेकिन बहुत ही जल्द उसको भी पूरा कर लिया जाएगा।


More Stories
महिलाओं एवं किशोरियों को प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य जैसे विषयों पर जागरूकता करने की काफी आवश्यकता
अनचाहे गर्भ से सुरक्षा के लिए महिला बंध्याकरण को अपनाएं, सरकार देगी 3 हजार रूपये प्रोत्साहन राशि
सारण में कृमि से बचाव के लिए 24.73 लाख बच्चों को खिलायी जायेगी अल्बेंडाजोल की गोली