अमनौर के जिरात गांव में फैला बाढ़ का पानी, ग्रामीण घर छोड़ उच्चे स्थानों पर ले रहे है शरण,गांव के विकास के लिए नहीं मिला तारणहार
अमनौर(सारण)। प्रखंड के धर्मपुरजाफर पंचायत के जिरात दलित बस्ती गांव में भीषण बारिश एवं उफनाते मही नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से बाढ़ आ गई। गांव के लोग घर छोड़ परिवार एवं मवेशियों को लेकर उच्चे स्थल की तलाश कर शरण लेने में लगे हुए है। गांव में लगभग 100 घर है अधिकाश लोगो का घर झोपड़ीनुमा है, बाढ़ के पानी घर के आंगन तक प्रवेश कर चुका है। घर मे सांप-बिच्छू व अन्य जहरीले जन्तुओं का डर लोगों को बना हुआ है।ग्रामीणों का कहना है कि गांव के लोग सदियों से खेत के पगडंडी से आते जाते है। सड़क नहीं होने से गांव से आने जाने में डूबने का भय बना हुआ है।आखिर जाय तो कहा जाय- बाहर कोरोना का भय घर मे सांप बिच्छू का डर। ऊपर से वर्षा एवं आकाशीय बिजली का भय, खेतो की फसल डूब गई। बाजार में महंगाई की मार हम गरीबो की मौत ही एक रस्ता दिख रहा है।ग्रामीण काफी दुख के साथ अपनी व्यथा को बता रहे थे। वे कह रहे थे कि आजादी के बाद अभी तक दलित बस्ती की समस्याओं से निजात दिलाने के लिए कोई भी तारणहार नहीं आया है। गांव के ग्रामीण बच्चे काफी दूरी तय कर जान जोखिम में डालकर मुख्य सड़क तक पहुँच रहे है।घर डूबने के साथ।साथ बेढी डूब जाने से लोगो को मवेशियों के लिए चारा का भी अभाव बना हुआ है। इस दुःखद समय मे इन्हें कोई सुधि तक नहीं लेने आया। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश देखा गया। अपनी पीड़ा व्यक्त करने वालो में चन्द्रमा राम, बिनोद राम, महेश राम, मिंटू कुमार, हरेंद्र राम, बिनोद राम, महाबीर राम, बिकर्मा राम, गणेश राम, महेश राम,रविन्द्र राम बृजमोहन राम शामिल थे।


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