राष्ट्रनायक न्यूज।
मांझी/सारण (संजय पांडेय)। प्रखंड के कोहड़ा बाजार हाई स्कूल से होते हुए तकियां व बरवां गांव की ओर जाने वाली करीब एक किलोमीटर लंबी सड़क की हालत इतनी बदतर हो गई है कि अब तो दो-पहिया व चार-पहिया वाहनों की बात कौन करे, पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। उबड़-खाबड़ सड़क पर पैदल चलते वक्त भी लोग असंतुलित होकर गिर पड़ते हैं। वर्षों पहले ईंटकरण करायी गई सड़क अधिकांश जगहों पर धंस गई है और सैकड़ो भयावह गड्ढे बन गए हैं। इसी जर्जर सड़क से होकर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण महिला व पुरुष विभिन्न सामानों व सब्जी की खरीदारी करने व विभिन्न स्कूलों में पढ़ने के लिए बच्चे कोहड़ा बाजार पहुंचते हैं। सड़क की स्थिति खराब होने के कारण आवागमन में सबसे ज्यादा परेशानी तकियां, भिखमही, मिश्र टोला के लोगों को होती है। उक्त गांवों में सबसे अधिक आबादी दलित व अल्प-संख्यक वर्ग की है। तकियां गांव में अगर किसी की तबीयत गम्भीर रूप से खराब हो जाय तो उसे समय से हॉपस्पिटल पहुंचाना आसान नही है। कोई भी वाहन चालक इस सड़क से होकर तकियां गांव में जल्दी जाना नही चाहता ताकि मरीज को तुरंत हॉस्पिटल पहुंचाया जा सके। ऐसी स्थिति में लोग मरीज को लेकर किसी तरह डॉक्टर के पास पहुंचते हैं। देर होने पर कभी-कभी मरीज की जान चले जाने का भी खतरा मंडराने लगता है। समय से इलाज नही मिल पाने के कारण गांव के कई मरीजों की जान भी जा चुकी है। जर्जर सड़क से होकर आवागमन करने वाले परेशान क्षेत्रीय ग्रामीणों, बुद्धिजीवियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विभागीय अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से अविलंब सड़क के पुनरुद्धार व पक्कीकरण कराने की मांग की है।


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