राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। जिला भोजपुरी साहित्य सम्मेलन की ओर से भोजपुरी रंगकर्मी भोजपुरी साहित्य सम्राट भिखारी ठाकुर का स्मृति दिवस प्रतीक्षा, यमुनापुरी, छपरा में आयोजित हुआ, इसकी अध्यक्षता ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा ने की, इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो डॉ अमर नाथ प्रसाद ने अपना एक आलेख प्रस्तुत किया जो अमदाबाद की पत्रिका- 2015 में प्रकाशित रही है, इसमें इन्होंने नारी विमर्श पर प्रकाश डालते हुये सदियों से प्रताड़ित महिलाओं एवं अन्य सामाजिक कुरीतियों पर प्रकाश डाला है, भिखारी का विधवा विलाप, बेटी वियोग, गंगा स्नान, गबर घिचोर आदि इसके प्रमाण, उपातो नारी चरित्र कामार्मिक वर्णन किया है,इस अवसर पर बबन सिह ने शराबियो पर प्रहार करते हुए कहा कि भिखारी की पंक्ति “निशा खा के पिया मोर दिहलन कपार फोर,” से अत्याचारी चरित्र को दर्शाया है, अध्यक्ष ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा कि भिखारी ठाकुर को आज कई लोग नीचा दिखाने की दृष्टि से इन्हें महेंद्र मिश्र का शिष्य बतां कर अनावश्यक दोनों को स्पर्धी बताने लगे है, भि खारी की सभी रचनाये पूर्णतः मौलिक है, भिखारी एक सामाजिक क्रांति के सूत्रधार रहे है, इनसे किसी अन्य कवि से तुलना नही की जा सकती,, समाजिक सांस्कृतिक, आध्यात्मिक के साथ भोजपुरी साहित्य के शैली और अलंकारिक विचार के साथ प्रखर दूरदर्शी कलाकार रहे है, इनके समानांतर कोई नही रहा है, इस इस अवसर पर अपने विचार देने वालो में रामचन्द्र सिह,चंद्र कांत तिवारी, अशोक गिरी, विष्णु शंकर ओझा, सुरेन्द्र ओझा, सूर्य प्रकाश, विवेक राज, युगेश शर्मा, कमल किशोर सिह, सच्चिदा नंद सिह, लव कुश सिह, हरिशंकर प्रसाद,शिवजी सुमन, जगनारायण गिरी, राम नारायण प्रसाद आदि प्रमुख रहे।
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