राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

ग्यारह दिवसीय श्री करुणा निधान महाशक्ति यज्ञ विशाल भंडारे के साथ हुआ सम्पन्न, भण्डारे में पहुंचे राजद के नेता सुधांशु रंजन

संजीव शर्मा। राष्ट्रनायक न्यूज।

मांझी (सारण)। माँझी के राम घाट स्थित प्रसिद्ध मौनिया बाबा मंदिर परिसर में ग्यारह दिवसीय श्री करुणा निधान महाशक्ति यज्ञ मंगलवार को हवन पूजन व विशाल भंडारे के साथ सम्पन्न हो गया। यज्ञ की पूर्णाहुति के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। जिनमें सारण निकाय से विधान परिषद् के प्रत्याशी सुधांशु रंजन ने इस आयोजित भंडारे में दूर- दूर के गांवों से पहुंचे श्रद्धालुओं के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कर प्रसाद ग्रहण किया। इससे पूर्व सबसे पहले यजमानों ने हवन किया। इसके उपरांत यज्ञ में आए सैकड़ों लोगों ने आहुति डालकर सुख समृद्धि व शांति की कामना की। कथा वाचक व यज्ञ के संयोजक संत राम दास उदासीन उर्फ भैय्या जी ने कहा कि यज्ञ होने से मानव में आयी विकृतियां अपने आप दूर हो जाती है। तथा हवन से वातावरण शुद्ध होता है। श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से समाज में एकजुटता आती है। हवन करने से देवता प्रसन्न होकर मानव का कल्याण करते हैं। उन्होंने कहा कि गुरु का नाम जपने मात्र से ही तमाम पापों का नाश हो जाता है। अगर भक्त अपने गुरु की पूजा सच्चे मन से करें तो उनका उद्धार हो जाता है।   माया व्यक्ति को उसके स्रोत अर्थात ब्रह्म के प्रति अज्ञानी बना देती है। उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति जन्म लेता है तो वह अपने नाम रूप के कारण स्वयं को ईश्वर का अंश नहीं मानता है बल्कि उसे अपने वाह्य रूप का अभिमान हो जाता है। वह अपना एक व्यक्तित्व रच लेता है। उसकी सोच सीमित हो जाती है। जबकि सत्य का ज्ञान हो जाने पर अहम का विनाश हो जाता है। तब व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि सृष्टि के पूर्व केवल ईश्वर का ही अस्तित्व विद्यमान रहता है। ईश्वर सत्य होते हुए भी सत्य से परे हैं। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में भगवत प्रेमी आदि मौजूद थे।

You may have missed