- सेवाओं को और भी सुदृढ़ करने के लिए सरकार कटिबद्ध
- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत प्रदान की जाती हैं गणुवत्तापूर्व सेवाएं
सहरसा (बिहार)। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जिले के सभी गर्भवती माताओं को आच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सामुदायिक स्तर पर काम करने वाली आशा कार्यकर्त्ता, एएनएम सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर गर्भवती माताओं को सूचीबद्ध करते हुए उनके प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित करने में लगे हुए हैं। इस क्रम में उच्च जोखिम वाली गर्भवती माताओं की पहचान एवं शिशु जन्म की तैयारियाँ की जा रही हैं। जिले में प्रत्येक माह की 9 वीं एवं 21 तारीख को बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित कर सूचीबद्ध गर्भवती माताओं की प्रसव पूर्व जांच की जाती है।
सेवाओं को और भी सुदृढ़ करने के लिए सरकार कटिबद्ध-
सिविल सर्जन डा. किशोर कुमार मधुप ने बताया सरकार सभी गर्भवती माताओं की चार प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित करना चाहती है। गर्भवती माताओं की प्रसव पूर्व जांच कर उनके सफल प्रसव क्रिया सम्पन्न कराना प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का मुख्य उद्देश्य एवं स्वास्थ्य विभाग की नैतिक जिम्मेदारी बनती है। इसके लिए सभी गर्भवती माताओं की प्रसव पूर्व प्रथम त्रैमासिक जांच से लेकर चौथे प्रसव पूर्व जांच की जानी जरूरी है। जिससे उनके सरल शिशु जन्म से लेकर उच्च जोखिम वाले शिशु जन्म की तैयारियाँ सुनिश्चित की जा सके। जिले की सभी गर्भवती माताओं की चार प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित हो पाये इसके लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती माताओं को प्रदान की जाने वाली गणुवत्तापूर्ण सेवाओं को और भी सुदृढ़ करने के लिए कटिबद्ध है। ताकि प्रसव के दौरान गर्भवती माताओं की रूग्णता एवं मृत्यु दर कम हो सके। इसके लिए सभी गर्भवती माताओं को प्रथम प्रसव पूर्व जांच से लेकर चौथे प्रसव पूर्व जांच तक गुणवत्तापूर्ण सेवाएं सुनिश्चित की जा रही हैं ।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत प्रदान की जाती हैं गणुवत्तापूर्व सेवाएं-
सिविल सर्जन डा. किशोर कुमार मधुप ने बताया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत उन्हें कई प्रकार की सुविधाएं मिल पाती हैं। सबसे पहले उनका पंजीकरण किया जाता है। पंजीकरण कर गर्भवती माताओं को सुरक्षित मातृत्व पुस्तिका प्रदान की जाती है। गर्भवती माताओं की ऊँचाई, वजन , नब्ज, बीपी आदि की जांच की जाती और उस निष्कर्षों को संधारित किया जाता है। गर्भवती माताओं की कई प्रकार की जांच मुफ्त की जाती हैं, जैसे- हीमोग्लोबिन, यूरिन एल्बुमिन, शुगर, मलेरिया, वीडीआरएल, एचआईवी, रक्त ग्रुप, आदि। इस दौरान उन्हें टीटी, आयरन टैबलेट, फोलिक एसिड, कैल्सियम टैबलेट एवं चिकित्सा आधारित अन्य परामर्श की दवाएं प्रदान की जाती हैं। सभी गर्भवती माताओं को आहार, नींद, नियमित एएनसी जांच, संस्थागत प्रसव, स्तनपान, गर्भ निरोधक आदि पर सामूहिक परामर्श प्रदान किया जाता है। यही नहीं दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाली गर्भवती माताओं को परिवहन की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। उन्होंने बताया जिले में प्रत्येक माह की 9वीं एवं 21वीं तारीख को सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत कार्यक्रमों का आयोजन कर गर्भवती माताओं की जांच एवं दवाएं मुफ्त में प्रदान की जाती हैं।
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