राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

सारण के लाल ने कर दिखाया कमाल: 2003 में आया था हार्ट अटैक, 2012 में दौड़ने को ठाना, आज पृथ्वी की आधी परिधि, 20 हजार किलोमीटर दौड़ गये ये आईपीएस अफसर

सारण के लाल ने कर दिखाया कमाल: 2003 में आया था हार्ट अटैक, 2012 में दौड़ने को ठाना, आज पृथ्वी की आधी परिधि, 20 हजार किलोमीटर दौड़ गये ये आईपीएस अफसर

छपरा(सारण)। जिला के एकमा प्रखंड के पचुआ गांव निवासी अशोक कुमार प्रसाद एक आईपीएस अफसर है। वह वर्तमान में दार्जिलिंग में आईजी पद पर कार्यरत है। 2003 में हार्ट अटैक हुआ। इसके बाद एंजियोप्लास्टी हुई। 2012 में अपनी स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेते हुए दौड़ने की शुरुआत की। आज 20 हजार किलोमीटर दौड़ पूरा कर एक मिशाल कायम की है। जो पृथ्वी की परिधि की लगभग आधी दूरी है। आइये जानते है उनकी कामयाबी और फिटनेस की कहानी उन्हीं की जुबानी।

26 अप्रैल, 2012 से 20,000 किलोमीटर पूरा करने में कामयाब रहा
मैं हर किसी के साथ एक व्यक्तिगत उपलब्धि साझा करना चाहता हूं। जहां मैं 26 अप्रैल, 2012 से 20,000 किलोमीटर पूरा करने में कामयाब रहा।  जिसमें पृथ्वी की आधी परिधि का भी हिसाब है। इस व्यक्तिगत उपलब्धि को साझा करने के साथ, मैं किसी और को प्रेरित करने का अवसर भी देता हूं, जो हर दिन दौड़ने या काम करने पर विचार करता है, या ऐसा करने के लिए संघर्ष करता है। या किसी ऐसे व्यक्ति के लिए भी जो इस क्षेत्र में महान ऊंचाइयों को प्राप्त करना चाहता है।

2003 में आई थी हार्ट अटैक
कुछ साल पहले मेरी स्थिति ऐसी थी कि लगता था कि मैं कभी स्वस्थ और फिट नहीं हो पाउंगा। 2003 में मुझे हार्ट अटैक हुआ था। इसके बाद एंजियोप्लास्टी हुई। इसके अनेक कारण थे। आइ.पी.एस बनने के पहले मैंने कभी कोई खेल नहीं खेला था। फिटनेस और एरोबिक्स से अपरिचित था। प्रशिक्षण  के दौरान भी किसी तरह फिटनेस टेस्ट पास करता था। हैदराबाद में एसवीपीएनपीए की ट्रेनिंग के बाद शारीरिक श्रम करना छोड़ दिया था। जीवन शैली और खाने की आदतें भी बदल गई थी। 62 किलोग्राम से बढ़कर मेरा वजन 74 किलोग्राम हो गया। इस अपेक्षा ने मुझे दिल का मरीज बना दिया।

अनेक रिसर्च और विश्लेषणों के बाद फिटनेस मेरा मूल मंत्र बन गया
अब मैंने खुद को फिट रखने का प्रण किया। अनेक रिसर्च और विश्लेषणों के बाद फिटनेस मेरा मूल मंत्र बन गया। आर्युवेद,योग ,प्राणायाम,ध्यान का अध्ययन किया। हार्ट अटैक के बाद मेरी दृष्टि कमजोर हुई दांतों का सड़न हुआ। अन्य परेशानियां हुई। मैने स्वयं को ईश्वर की दया पर छोड़ दिया। लेकिन 2012 में मुझे यह अनुभव हुआ कि मेरा जीवन और मेरा स्वास्थ्य मेरी ही जिम्मेदारी है। बेहतर जीवन का प्रण मैंने किया। मैंने सोचा भी नहीं था कि ऐसा कर पाना संभव होगा- दौड़ने की शुरुआत करने से पहले। अब यह अनुभव हुआ कि किसी के लिए भी कुछ भी असंभव नहीं है। ढ़ृढ़ इच्छाशक्ति और भाव के साथ उससे निरंतरता आती है। यह आपके शरीर को और स्ट्रेस नहीं होने देती और आप लंबा वर्कआउट करने में सक्षम होते है।

दौड़ना मुझे हमेशा प्यारा लगता है
जीवन की इस यात्रा में मैंने यही सीखा है कि खुद को सिखाया है, अब समय है कि मैं अपने सामाजिक दायरे के लोगों ,दोस्तों और कर्मियों को इसके लिए प्रेरित करु। दौड़ना मुझे हमेशा प्यारा लगता है। यह आपके सामर्थ्य में है। किसी भी दिशा में धीरे या तेज दौड़े, पैरों और फेफड़ों को मजबूती दें और दिल को साहस।

100 में से 99 व्यक्ति कहते है कि दौड़ने के बाद अच्छा महसूस हुआ
100 में से 99 व्यक्ति कहते है कि दौड़ने के बाद अच्छा महसूस हुआ है। पारंपरिक ज्ञान कहता है कि दौड़ने से घुटने प्रमाणित होते है और  अर्थराअटिस हो जाता है। लेकिन हालिया अध्ययन बताते है कि दौड़ने से ओल्ड एज में ज्यादा स्वस्थ घुटने रहते है। न्यूयार्क टाइम में ऐसा कहा है कि दौड़ने वालों के घुटनों में मोशन ग्रुव बनता जो कार्टिलेज को सपोर्ट करते है। ओल्ड एज में प्रोटेक्ट करते है।

संदेश: स्वास्थ्य ही धन है
इसके साथ, मैं एक और सभी से आग्रह करूंगा कि आप टहले, जॉगिंग करें दौड़ें। चाहे प्रारंभ में यह कितना भी मुश्किल क्यों ना लगे। क्योंकि यह आपके फिटनेस को बढ़ाता है। स्वास्थ्य ही धन है। स्वास्थ्य हानि होने पर ही इसका महत्व महसूस होता है। स्वास्थ्य की पुर्नप्राप्ति कठिन जरुर है लेकिन असंभव नहीं। शुरु करने में कभी देर नहीं होती।