राष्ट्रनायक न्यूज

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जिले के सभी बाल देखरेख एवं संरक्षण संस्थाओं में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करावें- जिलाधिकारी

राष्ट्रनायक न्यूज।

छपरा (सारण)। सारण समाहरणालय सभागार में जिला बाल संरक्षण कमिटी एवं चाइल्ड लाइन एडवाइजरी बोर्ड के समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता संयुक्त रूप से जिला पदाधिकारी सारण राजेश मीणा एवं अध्यक्ष, जिला परिषद सारण द्वारा की गई। बैठक में सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई सारण के द्वारा किशोर न्याय अधिनियम एवं नियमावली के विभिन्न प्रावधानों एवं जिले में कार्य करने वाले विभिन्न संस्थाओं के बारे में विस्तृत जानकारी उपस्थित सदस्यों को दिया गया। जिलाधिकारी के द्वारा बैठक की समीक्षा करते हुए जिले में संचालित बाल देखरेख संस्थानों एवं उसमें आवासी बच्चों से संबंधित जानकारी प्राप्त किया गया। जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के अद्यतन प्रतिवेदन की समीक्षा कर आवष्यक निदेष दिया गया। बैठक में जिला पदाधिकारी के द्वारा बाल संरक्षण इकाई के एजेंडा को बिंदुवार समीक्षा कर  आपसी समन्वय स्थापित करत हुए कार्यों का निष्पादन करने हेतु आवष्यक निर्देश दिए गए।

बैठक में बताया गया कि सारण जिले में  बाल देखरेख एवं संरक्षण के चार संस्थान संचालित हैं पर्यवेक्षण गृह बालक गृह, बालिका गृह एवं विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान संचालित है। पर्यवेक्षण गृह में वर्तमान में 69 बच्चे आवासित है। बालक गृह में 37 बच्चें, बालिका गृह में 38 बच्चें एवं विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में 13 बच्चें आवासित है। इन गृहों में आवासीत बच्चों के नियमित शिक्षा तथा इन्हें कौशल विकास से जोड़ने हेतु आवश्यक निर्देश जिला पदाधिकारी द्वारा दिया गया। जिलाधिकारी के द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति करने एवं उनके पाठ्यक्रम के अनुरूप पाठ्य सामग्रियां उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। उप विकास आयुक्त के मार्गदर्शन में सभी गृहों के अधीक्षकों को आवासीत बच्चों के कौशल विकास हेतु सकारात्मक पहल एवं प्रशिक्षण कराने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी के द्वारा सभी अधीक्षक एवं समन्वय को प्रत्येक बच्चें का सूक्ष्मता से परामर्श कर उनके परिवार की जानकारी प्राप्त की जाए हेतु निर्देषित किया गया ताकि यथाषीघ्र बाल कल्याण समिति से आदेश प्राप्त कर बच्चों को उनके परिवार में पुनर्वासित किया जा सके।

परवरिश योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया गया कि इस योजना में अनाथ बच्चें जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु होने अथवा कुष्ठ रोग से ग्रसित बच्चें या कुष्ठ रोग से ग्रसित माता-पिता के बच्चे तथा एचआईवी एड्स से ग्रसित बच्चें अथवा इससे ग्रसित माता-पिता के बच्चों को यह लाभ दिया जाता है। इस योजना के अंतर्गत बच्चे के 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक प्रतिमाह 1000 बच्चे एवं उसके अभिभावक के संयुक्त खाते में समाज कल्याण निदेशालय द्वारा डी. बी. टी. के माध्यम से प्रदान किया जाता है। जिला पदाधिकारी द्वारा डी. पी. ओ. आई. सी. डी. एस. को निर्देशित किया गया कि सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों के माध्यम से सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर सर्वे कराकर इस योजना से वंचित रह गए बच्चों को योजना का लाभ प्रदान करने की त्वरित कार्यवाही की जाए। विदित है कि इस योजना के लिए आवेदन आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों की अनुशंसा द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी के पास प्रेषित किया जाता है।

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की समीक्षा के दौरान सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों के स्तर से आर.टी.पी.एस. पर प्राप्त आवेदनों एवं पूर्व से लंबित आवेदनों का अबिलंब जांच कराकर जिला बाल संरक्षण इकाई को पोर्टल के माध्यम  से प्रेषित करने की आवश्यकता बताई गई और इसके लिए लंबित मामलों को जिला स्तरीय समन्वय बैठक में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। चिल्ड्रन इन स्टेट सिचुएशन के बच्चों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए सहायक निदेशक को एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी के उप विकास आयुक्त की मार्गदर्शन में एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया गया। प्रभारी सिविल सर्जन को पर्यवेक्षण गृह में पारा मेडिकल स्टाफ उपलब्ध कराने तथा पुलिस विभाग को गृहों में आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त सुरक्षा बल की प्रतिनियुक्ति का निर्देश जिला पदाधिकारी द्वारा दिया गया।

बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों को अधिनियम एवं नियमावली तथा प्रावधानों के विस्तृत जानकारी एवं संवेदनशील तरीके से त्वरित कार्रवाई करने हेतु एक वृहद प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बैठक में विमर्श किया गया तथा जिला पदाधिकारी द्वारा सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई एवं पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय को पारस्परिक समन्वय द्वारा इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को शीघ्र ही क्रियान्वित करने का निर्देश दिया गया। बाल संरक्षण के क्षेत्र में अधिक संवेदनशीलता लाने हेतु जिले के कुछ चयनित स्थानों को बाल मैत्री थाने के रूप में विकसित करने का निर्देश सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई एवं पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय को दिया गया. बाल श्रम एवं कोविड केयर से प्रभावित बच्चों की बेहतरी के लिए भी बैठक में विस्तृत विमर्श किया गया तथा संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए।

बैठक में उप विकास आयुक्त अमित कुमार, अपर समाहर्ता डाॅ गगन, प्रभारी सिविल सर्जन सारण, जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई, पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय, प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आई. सी. डी,एस. श्रम अधीक्षक, जिला जन-संपर्क पदाधिकारी, सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा कोषांग, सहित विभिन्न बाल देखरेख संस्थानों के अधीक्षक समन्वयक जिला बाल संरक्षण इकाई के अन्य पदाधिकारी गण एवं कर्मी  किशोर न्याय परिषद के सदस्य अध्यक्ष बाल कल्याण समिति तथा रेड क्रॉस के सचिव उपस्थित हुए।

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