- यूनिक आईडी से बीमारी की पूरी डिटेल देखी जा सकेगी
- निजी अस्पतालों का भी होगा पंजीकरण
यूनिक आईडी से बीमारी की पूरी डिटेल देखी जा सकेगी –
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि जिले के स्वास्थ्य कर्मियों के लिए डिजिटल हेल्थ कार्ड योजना शुरू की गई है। इसमें लाभुक की सारी मेडिकल हिस्ट्री होगी। इससे व्यक्ति का स्वास्थ्य संबंधी डेटा डिजिटल हो जाएगा। इससे उपचार कराने के लिए किसी पेपर वर्क, रसीद या किसी दूसरे व्यक्ति पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। सभी महत्वपूर्ण जानकारियां जैसे डॉक्टरी परामर्श, बीमारी की जांच रिपोर्ट इत्यादि रहेगी। मरीज सरकारी व निजी अस्पताल में अपना हेल्थ कार्ड दिखाएगा तो उसमें दर्ज 14 अंकों की यूनिक आईडी से बीमारी की पूरी डिटेल देखी जा सकेगी । मरीज देश के किसी भी डॉक्टर से घर बैठे परामर्श भी ले सकता है।
निजी अस्पतालों का भी होगा पंजीकरण:
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत सभी सरकारी अस्पतालों के पजीकरण पूरा करने के बाद सभी रजिस्टर्ड निजी अस्पतालों का भी पंजीकरण किया जाएगा। स्वास्थ्य संस्थानों के बाद राज्य के सभी चिकित्सक एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों (आशा व एएनएम) इत्यादि के अलावा मरीजों का भी आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।
सभी स्तर के अस्पतालों को पंजीकृत करने पर जोर:
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत राज्य के सभी मेडिकल कालेज, जिला एवं अनुमंडलीय अस्पताल के अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं स्वास्थ्य उपकेंद्र को पंजीकृत किया जा रहा है। इससे समुदाय स्तर तक के लाभुकों को फायदा मिलेगा। इस पहल से न केवल अस्पतालों की प्रक्रिया सरल होगी, बल्कि इससे लाभुकों को भी फायदा होगा। इससे डिजिटल परामर्श को बढ़ावा मिलेगा एवं चिकित्सकों को अपने रिकॉर्ड तक पहुँचने में भी सहूलियत होगी। अब पुराने मेडिकल रिकॉर्ड खो नहीं सकते क्योंकि प्रत्येक रिकॉर्ड डिजिटल तौर पर संग्रहित किए जाएंगे।
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