- अति कुपोषित बच्चों को एनआरसी लाने में करें सहयोग: सिविल सर्जन
- अति कुपोषित बच्चे कुछ ही दिन में दिखने लगते हैं पोषित: डीपीएम
- कुपोषण के लक्षणों और इसके दुष्परिणामों से संबंधित जागरूकता पैदा करना पहला लक्ष्य: नोडल अधिकारी
- बच्चों एवं माताओं के लिए मनाया गया कृष्ण जन्माष्टमी: पोषण विशेषज्ञ
राष्ट्रनायक न्यूज।
कटिहार (बिहार)। सदर अस्पताल परिसर स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लगातार काम में करने में जुटी हुई है। जिले के अति कुपोषित नौनिहालों को पौष्टिक आहार देने वाली सुविधा-स्थल के रूप में यह उभर चुकी है। यहां हर तरह की सुख सुविधाएं, मनोरंजन का साधन, समय-समय पर पर्व त्यौहार, छोटे-छोटे बच्चों का जन्मदिन सहित मासूमों की माताओं का भी ख़्याल रखा जाता है। सिविल सर्जन डॉ डीएन झा ने बताया कि जिले के तमाम अति कुपोषित बच्चों को एनआरसी की ओर से सीवीसीई निरंजन निराला एवं अभिषेक आनंद सहित आशा, आंगनबाड़ी सेविकाओं या अन्य सहयोगी संस्थाओं द्वारा लाया जाता है। कुपोषित बच्चों को पौष्टिक आहार खिलाकर पोषणयुक्त बनाने वाले इकाई के रूप इस केंद्र की स्थापना की गई है। यहां 05 वर्ष से कम एवं गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों, जिनमें चिकित्सकीय जटिलताएं हों, को चिकित्सीय एवं पोषण से संबंधित सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। एनआरसी में आने वाले सभी तरह के बच्चों की माताओं एवं अन्य अभिभावकों को, जो देखभाल करने के लिए रहते हैं, उन्हें बच्चों के समग्र विकास के लिए आवश्यक देखभाल तथा खानपान से संबंधित कौशल का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
अति कुपोषित बच्चे कुछ ही दिन में दिखने लगते हैं पोषित: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम डॉ किशलय कुमार ने बताया कि स्थानीय एनआरसी में आवासित शारीरिक रूप से बेहद दुबले-पतले और कमजोर नजर आने वाले बच्चे पूरी तरह से हृष्ट -पुष्ट दिखने लगते हैं। राज्य सरकार की ओर से पोषण पुनर्वास केंद्र से जुड़कर कार्य करने वाली सहयोगी संस्थाओं द्वारा ज़िले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से अति कुपोषित बच्चों को लाया जाता है। सबसे अहम बात यह है कि एनआरसी से बच्चों की छुट्टी होने के बाद अद्यतन जानकारी के लिए लगभग 4 बार फॉलोअप किया जाता है।
कुपोषण के लक्षणों और इसके दुष्परिणामों से संबंधित जागरकता पैदा करना पहला लक्ष्य: नोडल अधिकारी
पोषण पुनर्वास केंद्र के नोडल अधिकारी मज़हर अमीर ने बताया कि जितने भी अति कुपोषित बच्चे हैं, उनको चिकित्सीय उपचार के साथ ही पौष्टिक आहार की जरूरत सबसे ज़्यादा होती है। यहां बच्चों के साथ रहने वाली माताओं को स्तनपान से संबंधित सलाह दिया जाता है। कुपोषण के लक्षणों और इसके दुष्परिणामों से संबंधित जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और कमजोर समुदाय के लोगों को उचित सलाह के साथ ही प्रोत्साहित भी किया जाता है।
बच्चों एवं माताओं के लिए मनाया गया कृष्ण जन्माष्टमी: पोषण विशेषज्ञ
पोषण विशेषज्ञ रानी गुप्ता का कहना है कि पोषण पुनर्वास केंद्र में अति कुपोषित बच्चों को सदर अस्पताल के चिकित्सकों, जीएनएम ओमप्रकाश, महेंद्र सैनी, रामचरण मीणा, आशीष कुमार, देवेंद्र सिंह रतनू द्वारा निःशुल्क इलाज़ किया जाता है। सूरज कुमार द्वारा निःशुल्क फिजियोथैरेपी भी किया जाता है। एनआरसी में आवासित बच्चों का जन्मदिन बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार महिलाओं के साथ कृष्णा जन्माष्टमी भी मनाया गया है। यहां आवासित बच्चों को सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिंस, खनिज तत्व युक्त आहार शुरुआती दौर में 2-2 घंटे के अंतराल पर दिया जाता है। माताओं को माहवारी स्वच्छता, खानपान तथा हाथों की सफ़ाई को लेकर लगातार जानकारी दी जाती है।
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