- एक अगस्त तक रेड जोन में बिहार के 15 जिले
पटना। मौसम विभाग ने उत्तर बिहार और सटे दोनों ही जगहों पर एक अगस्त तक भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। ऐसे में आशंका है कि पहले से ही बाढ़ का संकट झेल रहे हो 15 जिलों में तबाही और मचेगी। बता दें कि उत्तर बिहार में प्रमुख सात नदियों का जलग्रहण क्षेत्र नेपाल ही है ऐसे में नेपाल में हो रही बारिश बिहार में भारी तबाही ला सकती है। इन जिलों के 7 नदियों में 29 रेनगेज स्थल हैं जहां नदी के जल स्तर की मापी होती है। इनमें से 24 स्थलों पर नदियां पहले से ही खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इस बीच राजधानी पटना, सारण समेत कई जिलों में जोरदार बारिश शुरू हो चुकी है, जो कि अगले 31 जुलाई तक चलेगा। राजधानी पटना समेत 25 जिलों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। पटना, भोजपुर, वैशाली, सममस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, जहानाबाद, अरवल और औरंगाबाद में आकाशीय बिजली गिरने के साथ बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
बिहार की सात नदियां खतरे के निशान से उपर बह रही है, तटबंधों पर दबाव
बिहार में पहले से ही सात नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इन सात नदियों में करीब दो दर्जन जगहों के तटबंध पर पहले से भारी दबाव है। ऐसे में नेपाल में और उत्तर बिहार में यूं ही बारिश होती रही तो चंपारण, गोपालगंज से लेकर सीमांचल के कटिहार, पूर्णियां, अररिया और किशनगंज एवं मिथिलांचल में दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी और समस्तीपुर के इलाकों में बाढ़ का संकट और बढ़ेगा।
10 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित
बिहार में करीब 10 लाख लोग प्रभावित हैं। बड़ी संख्या में लोगों ने तटबंध व सड़कों पर शरण ले रखी है। यदि नदियों का जलस्तर और बढ़ा तो प्रभावित होने वालों का आंकड़ा 25 लाख तक पहुंच सकता है। दस से अधिक तटबंधन टूट चुके हैं और दो दर्जन जगहों पर तटबंध टूटने का खतरा बना हुआ है। फिलहाल सारण प्रमंडल के गाेपालगंज में रिंग बांध और सारण तटबंध टूट चूका है। चंपारण व मिथिलांचल में पहले से ही आधा दर्जन जगहों पर तटबंध टूट गए है। यदि तटबंधों में टूटने की संख्या बढ़ेगी तो विस्थापित की संख्या दोगुनी हो सकती है।


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